हार्दिक पटेल ने बचपन की दोस्त किंजल पारिख के साथ लिए सात फेरे, कहा- संघर्ष में अब पत्नी भी साथ
परिणय सूत्र में बंधे हार्दिक और किंजल (Photo Credit-Twitter)

गुजरात के पाटीदार आंदोलन से नेता बने हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने 27 जनवरी को अपनी बचपन की दोस्त किंजल पारिख (Kinjal Parikh) के साथ सात फेरे ले लिए हैं. हार्दिक ने अहमदाबाद से करीब 130 कलोमीटर दूर सुरेंद्रनगर जिले के दिग्सर गांव में एक मंदिर में करीबी रिश्तेदारों और मित्रों की मौजूदगी में परिणय सूत्र में बंधे. पटेल ने शादी समारोह के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘यह मेरे पारिवारिक जीवन की दूसरी पारी की शुरुआत है. मेरा संकल्प है कि हर किसी को समान अवसर मिलना चाहिए. हमने देश के नवनिर्माण के लिए एक साथ लड़ने का संकल्प लिया है.' हार्दिक पटेल ने संघर्ष में पत्नी का साथ मिलने की भी बात कही.

उन्होंने कहा, ‘‘हम सच्चाई, लोगों और बराबरी के अधिकार के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे. अपनी प्रेम कहानी के बारे में बात करते हुए हार्दिक ने बताया था कि मेरी बहन मोनिका की सहेली होने के कारण किंजल का मेरे घर आना-जाना लगा रहता था. मैं उसे कभी-कभी घर छोड़ने भी जाया करता था. जब हम कॉलेज पहुंचे तो मुझे लगा कि मैं किंजल से प्रेम करने लगा हूं. आमतौर पर लड़के ही लड़की से प्रेम का इजहार करते हैं और शादी के लिए प्रपोज करते हैं. लेकिन मेरे मामले में उल्टा हुआ. प्रपोज किंजल ने किया, मैंने तो बस 'ओके' किया. मुझे राजनीति आती है, प्यार नहीं. मेरा स्वभाव थोड़ा शर्मीला है.

बता दें कि हार्दिक और किंजल ने कुछ समय पहले ही सगाई की थी. किंजल ग्रेजुएशन कर चुकी हैं और फिलहाल कानून (Law) की पढ़ाई कर रही हैं. हार्दिक की उम्र 25 साल है और किंजल उनसे एक या दो साल छोटी हैं. हार्दिक के पिता भरत पटेल के मुताबिक किंजल पटेल पारिख-पटेल समुदाय से हैं. यह भी पढ़ें- IRCTC घोटाला: लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित अन्य को मिली जमानत

हार्दिक शादी के बाद हनीमून पर जाने के सवाल पर हार्दिक ने बताया था कि इस बारे में अभी तक कोई योजना नहीं बनी है. उन्होंने कहा, 'अभी तो लोकसभा के चुनाव आ रहे हैं लेकिन किंजल को वचन दिया है कि मैं उन्हें चुनावों के बाद कहीं घुमाने ले जाऊंगा.' हार्दिक ने बताया कि किंजल के मां-बाप को हार्दिक का राजनीति में आना पसंद नहीं था. इस बारे में बताते हुए हार्दिक ने कहा था, 'किंजल के परिवार को पसंद नहीं था कि मैं राजनीति में आऊं. लेकिन समय के साथ सबकुछ बदलता चला गया.'