जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में एक बार सियासी हलचल तेज होने लगी है. कभी विरोधी रहे अब एक साथ नजर आने लगे हैं. दरअसल कुछ दिनों पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया था. जिसके बाद से बैठकों का दौर शुरू हो गया. इसी कड़ी में पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के चीफ फारूक अब्दुल्ला (Former CM Farooq Abdullah) के आवास एक बैठक हुई. जिसमें बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी उपस्थित रही. बैठक के बाद फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हमने इस गठबंधन को पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (Gupkar Declaration) का नाम दिया है.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को वो सारे अधिकार दिए जाएं जो हमसे छीने गए हैं. भारत सरकार राज्य के लोगों के उन अधिकारों को लौटाए जो उन्हें 5 अगस्त 2019 से पहले मिलते थे. फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि हम कुछ दिन बाद फिर मुलाकात करेंगे, जिसमें आगे के जो कदम हमें उठाने हैं, वो आपके सामने लाएंगे. बता दें कि ये नेता जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 रद्द होने के बाद और दो केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद पांच अगस्त से नजरबंद कर दिए गए थे.
ANI का ट्वीट:-
We have named this alliance as People's Alliance for Gupkar Declaration. Our battle is a constitutional battle, we want the government of India to return to the people of the State the rights they held before 5th Aug 2019: National Conference president Farooq Abdullah https://t.co/UuctoN13Km pic.twitter.com/6ADqSsxYrz
— ANI (@ANI) October 15, 2020
वहीं, जम्मू और कश्मीर: डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती के बीच हुई बैठक के खिलाफ और गुपकर घोषणा के खिलाफ भी जम्मू में विरोध प्रदर्शन किया. फिलहाल अब ये मामल आगे और भी तूल पकड़ सकता है. जिसपर सभी नजरें टिकी हुई हैं.