![राजनीति से जल्द संन्यास ले सकते हैं गुलाम नबी आजाद, कहा- सभी पार्टियां कर रही हैं देश को बांटने का काम राजनीति से जल्द संन्यास ले सकते हैं गुलाम नबी आजाद, कहा- सभी पार्टियां कर रही हैं देश को बांटने का काम](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2022/03/Ghulam-Nabi-Azad-380x214.jpg)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए हैं. एक कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद ने जो कहा, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कभी भी राजनीति से संन्यास ले सकते हैं. गुलाम नबी इन दिनों कांग्रेस के जी-23 नेताओं की बैठक के दौरान भी काफी चर्चा में रहे. 5 राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद से वे लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. अब उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कसा तंज, कहा- भारत जल्द ही ‘नफरत और गुस्से के चार्ट’ में शीर्ष पर पहुंच सकता है.
गुलाम नबी आजाद ने कहा, हमें समाज में बदलाव लाना है. मैं कभी-कभी सोचता हूं कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि अचानक से किसी दिन आपको पता चले कि मैं संन्यास ले चुका हूं और समाज सेवा करने लगा हूं.
राजनीति को अलविदा कह सकते हैं गुलाम नबी आजाद
#WATCH | "...We have to bring about a change in society. Sometimes I think, and it is not a big deal that suddenly you come to know that I have retired and started doing social service...," Senior Congress leader Ghulam Nabi Azad said at an event in Jammu (20.03) pic.twitter.com/eCw8GR0NEm
— ANI (@ANI) March 21, 2022
गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि राजनीतिक दल धर्म, जाति और अन्य चीजों के आधार पर चौबीसों घंटे बांटने का काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी को बांटने के लिए हम अपनी पार्टी को भी माफ नहीं कर रहे.
उन्होंने कहा, हमारी पार्टी हो या कोई भी दल. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि सिविल सोसाइटी को साथ रहना चाहिए. सभी को धर्म और जाति से ऊपर उठकर न्याय मिलना चाहिए.
गुलाब नबी आजाद ने कहा, 'हम सब अगर एक शहर को एक प्रोविंस को ठीक करेंगे, तो पूरा हिंदुस्तान ठीक होगा.' उन्होंने कहा, 'हमने इलाके के नाम पर बांट दिया लोगों को... फिर रीजन के नाम पर बांट दिया, गांव और शहर के नाम पर बांट दिया.
उन्होंने कहा, 'मैं अपने आप को अपनी इंडिविजुअल कैपेसिटी में... एक इंसान की कैपेसिटी में... उस असली काम के लिए, सेवा के लिए, इंसान के लिए, अपने आप को समर्पित करता हूं. जब भी आप चाहेंगे मुझे अपने साथ देखेंगे.'