केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान प्रमुख मंत्रालयों के कुल पूंजीगत व्यय और भविष्य के लिए उनकी सीएपीईएक्स योजनाओं की समीक्षा करेंगी. वित्तमंत्री कृषि, सड़क परिवहन और राजमार्ग, आवास और शहरी मामलों, जल शक्ति, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कौशल विकास, कपड़ा, उपभोक्ता मामलों, महिला एवं बाल विकास और आदिवासी मामलों से जुड़े मंत्रालयों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ बैठक करेंगी. वह इन मंत्रालयों की मौजूदा स्थिति और उनके आवंटन से संबंधित आवश्यकताओं की समीक्षा करेंगी.
वित्त मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कॉपोर्रेट टैक्स में कटौती की घोषणा की थी. इस छूट से सरकारी खजाने पर सालाना 1.45 अरब रुपये का बोझ पड़ेगा. सरकार की व्यय योजनाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं. सवाल किए जा रहे हैं कि क्या कम और धीमी कर वसूली के मद्देनजर राजकोषीय घाटे में किसी भी उछाल को नियंत्रित करने के लिए उन पर अंकुश लगाने की जरूरत है? यह भी पढ़ें- देश में मंदी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के घर के बाहर भारतीय युवक कांग्रेस ने किया प्रदर्शन, देखें वीडियो
निर्मला ने अब तक किसी भी खर्च में कटौती से इनकार किया है. उनका कहना है कि वित्त मंत्रालय मांग और खपत को बढ़ावा देने के लिए धन के तुरंत निवारण की बात कह रहा है. कर में कटौती की घोषणा के बाद हालांकि बांड के मुनाफे में वृद्धि दर्ज की गई. वित्तमंत्री ने कहा कि 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए उधार सीमा को संशोधित करने पर निर्णय लिया जाना अभी बाकी है.
वित्त मंत्रालय 30 सितंबर को एच-2 के लिए उधार के फैसले की घोषणा करेगा. बजट का लक्ष्य 2.67 लाख करोड़ रुपये है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं में व्यय की जरूरत है. इनमें 87,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान योजना, पांच करोड़ किसानों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की पेंशन योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आदि शामिल हैं.