नई दिल्ली: राज्यसभा (Rajya Sabha) सेवानिवृत्त हो रहे अपने 72 सदस्यों को आज विदाई दी जा रही है. सभापति एम वेंकैया नायडू तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) भी इस मौके पर सदस्यों के साथ संसद में मौजूद है. सदन के नेता पीयूष गोयल और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी विदाई समारोह में शामिल हुए है. राज्यसभा के सेवानिवृत्त सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, उप सभापति हरिवंश और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ फोटो खिंचवाई. स्मृति ईरानी ने 21 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी पर राज्यसभा सदस्य की टिप्पणी पर आपत्ति जतायी
जानकारी के अनुसार, सेवानिवृत्त सदस्यों में सात मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं. अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, ए. के. एंटनी, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी, एम. सी. मैरी कॉम और स्वप्न दासगुप्ता शामिल हैं. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, सुरेश प्रभु, एम. जे अकबर, जयराम रमेश, विवेक तन्खा, वी. विजयसाई रेड्डी का कार्यकाल जून में समाप्त होगा. जबकि जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, सतीश चंद्र मिश्रा, संजय राउत, प्रफुल्ल पटेल और के. जे. अल्फोंस शामिल हैं.
Delhi | Retiring members of Rajya Sabha had a photo-op session with Prime Minister Narendra Modi, Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu, Dy Chairman Harivansh and Lok Sabha Speaker Om Birla, today pic.twitter.com/d32InEthtj
— ANI (@ANI) March 31, 2022
कुछ केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी नेताओं को फिर से नामित किया जाएगा वहीं कांग्रेस के कुछ सदस्यों को पुन: नामित किए जाने पर स्थिति स्पष्ट नहीं है. इनमें से कई सदस्य जी-23 में शामिल हैं जो पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं.
Our RS Members have a lot of experience..sometimes experience has more power than academic knowledge.. We will say to the retiring members 'come again': Prime Minister Narendra Modi speaks at the farewell of 72 retiring Members of the Rajya Sabha pic.twitter.com/0LduuL4lHe
— ANI (@ANI) March 31, 2022
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को सदन में घोषणा की कि गुरुवार को सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होगा लिया जाएगा ताकि विभिन्न दलों के नेता और सदस्य इस अवसर पर बोल सकें.