तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने से उत्साहित मुस्लिम महिलाओं ने पीएम मोदी को भेजी राखियां, मौलाना हुए खफा
तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने से उत्साहित वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने क्षेत्रीय सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हाथ से राखी बनाकर भेजी है. इस नेक काम को कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने सराहा तो कुछ ने इसे 'सस्ते प्रचार का तरीका' बताया है. तीन तलाक नहीं होना चाहिए. इसका लोग बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं.
वाराणसी : तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने से उत्साहित वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने क्षेत्रीय सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हाथ से राखी बनाकर भेजी है. इस नेक काम को कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने सराहा तो कुछ ने इसे 'सस्ते प्रचार का तरीका' बताया है. राखी बनाने वाली मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि "जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक जैसी कुप्रथा को खत्म करवाया, वह केवल एक भाई ही कर सकता है.
अपने भाई के लिए हम बहनें अपने हाथों राखी बनाकर भेज रही हैं." राखी के ऊपर मोदी की फोटो लगाई गई है. उन्होंने कहा, "मोदीजी ने हमारी दयनीय हालत को खत्म किया है. आने वाली महिलाएं भी तीन तलाक से बच सकती हैं. इसी कारण हम लोगों ने यह पवित्र बंधन राखी भेजी."
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राखी बनाने वाली रामापुरा की हुमा बानो का कहना है, "मोदी ने तीन तलाक जैसी कुरीति को खत्म करवाया. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद होने के साथ ही साथ देश की सभी मुस्लिम महिलाओं के बड़े भाई हैं. अपने भाई के लिए हम बहनों ने राखी तैयार की है."
उन्होंने कहा कि जैसा अभी तक अच्छा काम हुआ है, वैसे आगे भी होता रहेगा. तीन तलाक को लेकर खौफ के सवाल पर उन्होंने कहा, "हमारे मन से तीन तलाक का खौफ कम हो गया है. आने वाले समय में सारा डर भी खत्म हो जाएगा."
समाजसेवी हुमा बानो ने कहा, "राखी पाक रिश्ता बनाती है, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम हो. भाई-बहन का नायाब रिश्ता होता है. मोदी ने हम लोगों के दर्द को समझा है. तीन तलाक से मुक्ति दिलाई है. पूरे देश की मुस्लिम महिलाओं को उन्हें राखी भेजनी चाहिए. मौलाना इससे बेवजह नाराज हो रहे हैं. यह एक प्रेम बंधन है. यह बहुत पाक बंधन है. बुरे वक्त में मोदी जी ने हमारा साथ दिया है. इससे बड़ा उपहार हमारे लिए क्या हो सकता है."
बानो ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर वहां भी बहुत सारे बंधनों से लोगों को मुक्त कराया है. मैं देश को यह संदेश देना चाहती हूं कि राखी एक पवित्र रिश्ता है. इस बंधन को निभाना है, चाहे वह कश्मीर की बेटी हो या कहीं और की. प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी रक्षा के लिए इतना कुछ किया है, हम मुस्लिम बहनें भी उनकी व देश की रक्षा के लिए जो हो सकेगा, करेंगी."
तीन तलाक पर समाज में जब भी चर्चा हुई, कोई न कोई विवाद जरूर सामने आया. एक पक्ष हमेशा ही इसका समर्थन करता रहा तो दूसरा पक्ष इसे लेकर अपना विरोध दर्ज कराता रहा है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष मतीन खान ने आईएएनएस से कहा, "आरएसएस का अनुषांगिक संगठन मुस्लिम मंच इस तरह की हरकतें करवा रहा है. वे नकाब और टोपी पहनकर इस तरह की हरकतें करते हैं, जिससे मुस्लिमों में आपस में बगावत हो.
इसमें किराये पर लाए गए मुस्लिम भी होते हैं. ये बिकाऊ माल सत्ताधारी लोगों के दबाव में ऐसा काम कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि कुछ लोग प्रधानमंत्री को खत भेजेंगे, फिर उसका प्रचार करेंगे. इस तरह की हरकत ये सिर्फ सत्ता के प्रचार के लिए करते हैं. उनमें से राखी भिजवाना भी एक कड़ी है."
दूसरी तरफ ऑल इंडिया महिला मुस्लिम लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा, "राखी भेजने में किसी को क्या दिक्कत होगी. तीन तलाक जैसी कुप्रथा के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है." उन्होंने कहा, "सबका अपना-अपना नजारिया है. सबको अपनी-अपनी आजादी का इस्तेमाल करने का हक है. हमारे मुल्क में ये सब चीजें होनी जरूरी हैं. इससे सांझी संस्कृति को बढ़ावा मिलता है. यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है. यह एक अच्छा कदम है."
शैखू आलम साबरिया चिश्चितिया मदरसा के मौलाना इस्तिफाक कादरी ने कहा कि हिंदुस्तान बहुत बड़ा देश है. तीन तलाक नहीं होना चाहिए. इसका लोग बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन राखी भेजने का तरीखा सिर्फ दिखावा है. यह सियासत के लिए किया जा रहा है. ऐसा लोग सिर्फ अपने प्रचार के लिए करवाते हैं. मुस्लिम महिलाओं के सामने और भी बहुत सारे मसले हैं, हुकूमत को उन पर भी ध्यान देना चाहिए.