BREAKING: जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, दोनों राज्यों में इस दिन होगी वोटिंग

चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. आखिरी बार जम्मू कश्मीर में 2014 में चुनाव हुए थे.

Jammu Kashmir And Haryana Assembly Election Date: चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. जम्मू कश्मीर में तीन चरण में चुनाव होंगे. 4 अक्टूबर को वोटों को गिनती होंगी और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे. आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. आखिरी बार जम्मू कश्मीर में 2014 में चुनाव हुए थे.

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीख

पहले चरण की वोटिंग- 18 सितंबर

दूसरे चरण की वोटिंग-25 सितंबर

तीसरे चरण की वोटिंग- 1 अक्टूबर

रिजल्ट- 4  अक्टूबर

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख

हरियाण में एक फेज में चुवान होगा. यहां 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं 4 अक्टूबर को रिजल्ट का ऐलान होगा. चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि हरियाणा में दो करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं. 90 में से 73 सीटें सामान्य हैं. हरियाणा में 27 अगस्त को वोटर लिस्ट जारी होगी. हरियाणा में 20 हजार 269 पोलिंग स्टेशन हैं. 150 से ज्यादा मॉडल पोलिंग बूथ होंगे.

कश्मीर की सियासत और समीकरण

चुनाव आयोग ने पिछले साल आर्टिकल-370 को हटाने के फैसले को बरकरार रखते हुए केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर में 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के आदेश दिया था.

जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है. जम्मू में अब 43 तो कश्मीर में 47 सीटें होंगी. पीओके के लिए 24 सीटें ही रिजर्व हैं. यहां चुनाव नहीं कराए जा सकते. जबकि लद्दाख में विधानसभा ही नहीं है. इस तरह से कुल 114 सीटें हैं, जिनमें से 90 पर चुनाव कराए जाएंगे. जम्मू रीजन में सांबा, कठुआ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर में एक-एक सीट बढ़ाई गई है. वहीं, कश्मीर रीजन में कुपवाड़ा जिले में एक सीट बढ़ाई गई है.

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. आखिरी बार यहां 2014 में चुनाव हुए थे. यहां की 87 सीटों में से पीडीपी ने 28, बीजेपी ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं. बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई और मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे. जनवरी 2016 में मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया था. करीब चार महीने तक राज्यपाल शासन लागू रहा. बाद में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं. लेकिन ये गठबंधन ज्यादा नहीं चला. 19 जून 2018 को बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया. राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया. अभी वहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हैं.

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