गुवाहाटी: अपने जमीनी कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद असम में असम गण परिषद (Asom Gana Parishad) ने भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (Bodoland People's Front) के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा, पूर्व मंत्री केशव महंता और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की बीजेपी महासचिव राम माधव के साथ हुई एक बैठक में मंगलवार रात यह निर्णय लिया गया. बैठक में असम के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) और वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी उपस्थित थे.
बीजेपी नेता राम माधव ने मंगलवार देर रात ट्विटर पर ऐलान किया "चर्चा के बाद, भाजपा और एजीपी ने असम में आगामी संसदीय चुनावों में कांग्रेस को हराने के लिए एक साथ काम करने का फैसला किया है. गठबंधन में तीसरा साथी बीपीएफ होगा." राम माधव ने आगे कहा कि राज्य मंत्रिमंडल के तीन एजीपी मंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपने प्रभार फिर से संभालें.
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एजीपी के अध्यक्ष अतुल बोरा ने कहा, "गठबंधन में शामिल होने का फैसला राज्य के हित में और आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार सुनिश्चित करने के लिए किया गया है." एजीपी और बीजेपी ने 2016 का विधानसभा चुनाव साथ में मिलकर लड़ा था और असम में कांग्रेस को हराया था.
हालांकि, समय के साथ दोनों दलों के बीच संबंधों में खटास आ गई और क्षेत्रीय दल ने इस जनवरी में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 को लेकर मतभेदों के बाद एजीपी ने भाजपा के साथ अपने संबंध तोड़ लिए थे.