दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: नई दिल्ली से बीजेपी उम्मीदवार सुनील यादव की भविष्यवाणी, कहा- सीएम केजरीवाल को इतने वोटों से हराएंगे
यादव ने कहा, "मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के बारे में बात कर रहा हूं. मैं उनके पानी और बिजली के बिल के बारे में बात कर रहा हूं. नई दिल्ली को मुफ्त पानी और बिजली का लाभ नहीं मिला है. मैं उनके बारे में बात कर रहा हूं."
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2020: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुनील यादव अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं और वह भी 25,000 वोटों से. केजरीवाल को हाई प्रोफाइल राजनेता बताते हुए यादव ने कहा कि केजरीवाल ने खुद को 'आम आदमी' कहकर निर्वाचन क्षेत्र को बेवकूफ बनाया है. यादव ने कहा, "जब केजरीवाल यहां (नई दिल्ली) चुनाव लड़ने आए तो लोगों ने सोचा कि वह उनकी सुनेंगे. लेकिन, पांच साल बाद हम सुन रहे हैं कि वह एक हाई प्रोफाइल नेता हैं."
यादव ने आप नेता के खिलाफ चुनाव लड़ने में किसी भी तरह के भय से इनकार किया. यादव ने कहा, "हम शीला दीक्षित को हराने के लिए उतरे थे। अब मैं केजरीवाल को हराने के लिए आया हूं."
भाजपा के घोषणापत्र में स्थानीय मुद्दों के नहीं होने व राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने पर यादव ने कहा कि वह स्थानीय एजेंडे पर चुनाव लड़ रहे हैं. यादव ने कहा, "मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में झुग्गी झोपड़ी वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के बारे में बात कर रहा हूं. मैं उनके पानी और बिजली के बिल के बारे में बात कर रहा हूं. नई दिल्ली को मुफ्त पानी और बिजली का लाभ नहीं मिला है. मैं उनके बारे में बात कर रहा हूं."
उन्होंने कहा, "केजरीवाल जीत के बाद निर्वाचन क्षेत्र को भूल गए. मैं स्थानीय हूं और अपने निर्वाचन क्षेत्र व लोगों जिन दिक्कतों का सामना कर रहे हैं, उनके बारे में जानता हूं." उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर जीएसटी रिटर्न के राज्य के हिस्से के रूप में अर्जित धन का दुरुपयोग अपने विज्ञापनों के लिए करने का आरोप लगाया.
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उन्होंने कहा, "केजरीवाल ने विज्ञापनों पर 850 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कि राज्य का जीएसटी रिटर्न का हिस्सा है." 2013 में केजरीवाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नई दिल्ली में चुनौती दी थी और जीत हासिल की थी. केजरीवाल को 53.46 फीसदी वोट मिले थे, दीक्षित 22.23 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर रही थीं और इसके बाद विजेंद्र गुप्ता (भाजपा) से 21.68 फीसदी के साथ रहे थे.
केजरीवाल मुख्यमंत्री बने, लेकिन 49 दिनों के बाद इस्तीफा दे दिया. अगले चुनावों में 2015 में केजरीवाल ने इसी सीट से 64.34 फीसदी वोट हासिल किए. उन्होंने दिल्ली भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नुपूर शर्मा को हराया था.