Money Laundering Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को झटका, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने नहीं दी डिफॉल्ट बेल
एक विशेष अदालत ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें कथित धन शोधन मामले में तकनीकी आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया गया था।
मुंबई: एक विशेष अदालत ने मंगलवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें कथित धन शोधन मामले (Money Laundering Case) में तकनीकी आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता देशमुख को दो नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं. धनशोधन मामला : ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया
एनसीपी के वरिष्ठ नेता देशमुख ने अपनी अर्जी में दलील दी कि धन शोधन निवारण कानून के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने उन्हें आगे की न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र का संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने कहा कि इसलिए, वह तकनीकी आधार पर (डिफॉल्ट) जमानत के हकदार हैं.
ईडी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोप पत्र निर्धारित समय के भीतर दाखिल किया गया था. विशेष न्यायाधीश आर एन रोकडे ने राकांपा नेता की याचिका खारिज कर दी.
हाल ही में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच को विफल करने के प्रयास किए जा रहे हैं और ऐसे मामले दर्ज किए जा रहे हैं जिनका केंद्रीय एजेंसी की जांच से जुड़े मामले पर प्रभाव पड़ रहा है. एजेंसी ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच पूर्ण, गहन और निष्पक्ष पड़ताल के लिए सीबीआई को सौंपे जाने के योग्य है.