कोरोना संकट: सुप्रीम कोर्ट का सभी राज्यों को निर्देश, डॉक्टर्स-मेडिकल स्टाफ की सैलरी समय पर दें
देश में कोरोना वायरस महामारी का कोहराम जारी है. कोविड-19 से संक्रमित मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना की इस लड़ाई में केंद्र के साथ सहयोग कर सभी राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. कोरोना की वैक्सीन अब तक बाजार में नहीं आई है. देश में कोरोना मरीजों की संख्या साढ़े 16 लाख पहुंच गई है.
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) महामारी का कोहराम जारी है. कोविड-19 (COVID-19 Outbreak) से संक्रमित मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना की इस लड़ाई में केंद्र के साथ सहयोग कर सभी राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. कोरोना की वैक्सीन अब तक बाजार में नहीं आई है. देश में कोरोना मरीजों की संख्या साढ़े 16 लाख पहुंच गई है. इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बताया कि पंजाब (Punjab), महाराष्ट्र (Maharashtra), त्रिपुरा (Tripura) और कर्नाटक (Karnataka) फ्रंटलाइन वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं दे रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा है कि वे डॉक्टरों-मेडिकल स्टाफ का वेतन समय पर दें.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वे मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों को समय पर सैलरी मिले इसके लिए जरूरी कदम उठाए. साथ ही ध्यान रखे कि फ्रंटलाइन वर्कर्स का वेतन मिलने में देरी न हो. इससे पहले पिछले महीने भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों की सैलरी देने में देरी न करें. यह भी पढ़ें-Covid-19 Cases in India: देश में COVID-19 के एक दिन में 55 हजार से अधिक मामले आए सामनें, संक्रमितों की कुल आकड़ा 16 लाख के पार
ANI का ट्वीट-
उल्लेखनीय है कि भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 16 लाख 38 हजार 871 पहुंच गई है. केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय के अनुसार देश में मौजूदा समय में कोरोना के 5 लाख 45 हजार 318 एक्टिव मरीज हैं. हालांकि अच्छी खबर यह है कि 10 लाख 57 हजार 805 लोग कोरोना से जंग जीतने में कामयाब हुए हैं. जबकि कोविड-19 की चपेट में आने से 35,747 लोगों की मौत हुई है.