तमिलनाडु के कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद रॉक मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 30 मई से शुरू होने वाले दो दिवसीय ध्यान कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग (ईसी) से शिकायत की है कि यह कार्यक्रम आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) और मौन अवधि के दौरान उम्मीदवारों पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करता है.
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में शामिल अभिषेक सिंहवी, रणदीप सुरजेवाला और नसीर हुसैन सहित कई नेताओ ने बुधवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और तर्क दिया कि या तो मोदी जी 1 जून को मतदान के बाद अपने ध्यान का कार्यक्रम शुरू करें या फिर मतदान खत्म होने तक इस कार्यक्रम का कोई भी मीडिया कवरेज न हो.
सिंहवी ने कहा, "ये सब अपने लिए प्रचार या मीडिया और प्रकाशन के माध्यम से प्रचार करने के तरीके हैं. हमने चुनाव आयोग के सामने दो सरल बिंदु रखे हैं. या तो प्रधानमंत्री 48 घंटे बाद यह कार्यक्रम शुरू करें और 1 जून की शाम से अपना मौन व्रत शुरू करें या अगर वह आग्रह करते हैं, तो ईसी यह सुनिश्चित करे कि इसका प्रसारण दृश्य मीडिया द्वारा या मुद्रित मीडिया द्वारा न किया जाए. वह (मोदी जी) अंतिम चरण में खुद उम्मीदवार हैं."
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री के ध्यान का टेलीविजन पर प्रसारण किया जाता है तो उनकी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, ईसी से शिकायत करेगी. बनर्जी ने जादवपुर में एक चुनावी रैली में कहा, "वह ध्यान कर सकते हैं, लेकिन इसे टेलीविजन पर नहीं दिखाया जा सकता है. ऐसा हुआ तो हम शिकायत करेंगे."
उन्होंने कहा, "क्या ध्यान करने के लिए किसी को भी कैमरा लगाने की जरूरत होती है? यह चुनाव प्रचार खत्म होने और मतदान की तारीख के बीच मौन अवधि के दौरान प्रचार करने का एक तरीका है." उन्होंने दावा किया कि ध्यान का कोई भी प्रचार एमसीसी का उल्लंघन होगा.