Congress Writes to Mark Zuckerberg: कांग्रेस ने फेसबुक के CEO मार्क जुकरबर्ग को लिखा पत्र, हाई लेवल जांच की मांग की
कांग्रेस ने मांग की है कि इस मामले में हाई लेवल जांच होनी चाहिए और रिपोर्ट को सबके सामने रखना चाहिए, तब तक फेसबुक इंडिया की नई टीम बनानी चाहिए. यह पूरा विवाद अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' में 'फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स' हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ.
नई दिल्ली: भारत में फेसबुक कंट्रोल (Facebook Control) को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है. कांग्रेस (Congress) ने फेसबुक से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है. कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) को पत्र लिखा है. इस पत्र में वॉल स्ट्रीट जनरल के आर्टिकल का जिक्र किया गया है. केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने जुकरबर्ग को 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' (The Wall Street Journal) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है, "फेसबुक इंडिया की कर्मचारी अंखी दास (Ankhi Das) ने चुनाव संबंधी कार्यों में बीजेपी को मदद पहुंचाई थी. ऐसे में कांग्रेस फेसबुक इंडिया ऑपरेशन की जांच की मांग करती है."
कांग्रेस ने मांग की है कि इस मामले में हाई लेवल जांच होनी चाहिए और रिपोर्ट को सबके सामने रखना चाहिए, तब तक फेसबुक इंडिया की नई टीम बनानी चाहिए. वेणुगोपाल ने पत्र में कहा है, "यह बहुत गंभीर है कि फेसबुक इंडिया पर भारत के चुनावी लोकतंत्र में हस्तक्षेप का आरोप है." वेणुगोपाल ने फेसबुक के सीईओ को लिखे पत्र में इस कहा कि इससे कांग्रेस को बहुत निराशा हुई है. यह भी पढ़ें: राहुल गांधी का बीजेपी और RSS पर हमला, कहा- फेसबुक-वॉट्सऐप पर बीजेपी और RSS का कब्जा, फैलाते हैं फेक न्यूज.
ANI का ट्वीट:
वेणुगोपाल ने कहा, "भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी, जिसने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और वयस्क मताधिकार के माध्यम से चुनावी लोकतंत्र की स्थापना की, इससे बहुत निराश है. आपकी कंपनी उन अधिकारों और मूल्यों को विफल कर सकती है जिसके लिए हमारे संस्थापक नेताओं ने अपने जीवन का बलिदान कर दिया."
अपनी चिट्ठी में केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मौजूदा स्थिति में इस मसले पर जितने भी नेताओं ने नफरत भरे बयान दिए थे, उनको सार्वजनिक किया जाए क्योंकि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने तीन और नेताओं का जिक्र किया है. वेणुगोपाल ने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस की मांग नहीं है बल्कि कई और विपक्षी दल भी यही चाहते हैं. यह भी पढ़ें: WSJ की रिपोर्ट के बाद भारत में फेसबुक के नियमों पर राजनीतिक बहस शुरू, असदुद्दीन ओवैसी, दिग्विजय सिंह, शशि थरूर ने कही ये बात.
यह पूरा विवाद अमेरिकी अखबार 'वाल स्ट्रीट जर्नल' में 'फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स' हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक बीजेपी विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने के लिए दखलंदाजी की थी. रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियमों में ढील बरतता है.
फेसबुक ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और कंटेंट पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है.