कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा का बड़ा बयान, प्रियंका गांधी के संघर्ष से उत्तर प्रदेश में बदलाव आएगा
प्रियंका गांधी (Photo Credits ANI)

नई दिल्ली: दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं और उत्तर प्रदेश में टिकट वितरण के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी के भी सदस्य हैं, जिसकी बैठकर लगातार चल रही हैं. लखनऊ में आईएनएस से खास बातचीत में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) जिस तरह संघर्ष कर रही हैं, उससे प्रदेश में बदलाव की स्थिति बन रही है और लखीमपुर खीरी का असर पूरे प्रदेश में दिखाई पड़ेगा, इसके अलावा किसान आंदोलन का भी असर पूरे प्रदेश में दिखेगा. यह भी पढ़े: UP Assembly Election 2022: जय माता दी उद्घोष के साथ प्रियंका गांधी ने शुरू किया चुनाव प्रचार

सवाल : दीपेंद्र हुड्डा जी, आप उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं और स्क्रीनिंग कमेटी के मेंबर हैं। कब तक टिकट फाइनल हो जाएगा?

जवाब : देखिए, हमारी प्रारंभिक चर्चा चल रही है. इसके अलावा जो भी औपचारिक जानकारी होगी, वह समय-समय पर आपको दी जाएगी। मैं मानता हूं कि प्रियंका गांधी के संघर्ष से उत्तर प्रदेश कांग्रेस में एक एक नई ऊर्जा आ रही है। वह लगातार लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही हैं, लोगों की बात उठा रही हैं, लखीमपुर इसका एक ज्वलंत उदाहरण है। संघर्ष की वजह से कांग्रेस पार्टी में एक नई ऊर्जा आई है, जिसका परिणाम आने वाले समय में दिखाई देगा.

सवाल : किस तरह का फीडबैक मिल रहा है लखीमपुर खीरी के बाद, क्योंकि कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा हरियाणा की तरह मजबूत नहीं है?

जवाब : हमारे संगठन में उत्तर प्रदेश में अच्छा काम हो रहा है और दो वर्ष से संघर्ष के जरिए सांगठनिक ढांचा खड़ा करने का प्रयास हुआ है। मैं स्वीकार करता हूं कि विधानसभा में हमारा संख्या बल उतना नहीं है, जितना विधानसभा में सपा-बसपा के पास है। सपा-बसपा भले संख्या बल में हमसे ज्यादा हैं, लेकिन सड़क पर संघर्ष करने में हम लोग आगे हैं। प्रियंका गांधी के संघर्ष की वजह से कांग्रेस पार्टी के पास नैतिक बल है। लखीमपुर खीरी एक चिंगारी है और इससे प्रदेश बदलाव की ओर बढ़ रहा है। यह बदलाव की भूमिका प्रियंका गांधी के संघर्ष की वजह से है। उत्तर प्रदेश में बदलाव होगा तो देश की राजनीति भी करवट लेगी.

सवाल : क्या प्रियंका गांधी जिस तरह सड़क पर निकल रही हैं, उसी की वजह से समाजवादी पार्टी भी अपनी यात्राएं निकाल रही है और इसकी शुरुआत मंगलवार से हो रही है?

जवाब : हम लोग कोई आज के दिन से भाजपा से लड़ाई नहीं लग रहे हैं। हम लोग पहले दिन से ही भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, भाजपा के अहंकार को तोड़ने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन आम लोगों के बीच जान के बाद महसूस हुआ कि समाजवादी पार्टी को जम्मू के विपक्षी दल की जिम्मेदारी दी गई थी तो मुख्य विपक्ष की भूमिका उन्होंने नहीं निभाई. समाजवादी पार्टी ने उस भूमिका को नहीं निभाई जो लोगों की आशा थी, क्योंकि लोकतंत्र में विपक्ष की अहम भूमिका होती है.

सवाल : आप कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य भी हैं, जिसकी बैठक होने वाली है। आपको नहीं लगता कि नए अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी अब कमान संभालें?

जवाब : मैं स्वयं कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य हूं और संगठन के विषय में मैं उसी प्लेटफार्म पर अपनी बात रखूंगा, लेकिन यह बात सही है कि कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता यह चाहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष बनें, लेकिन इस विषय पर जो भी चर्चा होगी, कार्यसमिति के अंदर ही चर्चा होगी.

सवाल : जाट की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा, क्योंकि आपका परिवार सबसे बड़ा परिवार है। कांग्रेस पार्टी में जाट की अगर बात करें तो किसान आंदोलन का एपिसोड पश्चिम उत्तर प्रदेश है, वहां पर क्या बदलाव देखते हैं आप?

जवाब : हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में व्यापक तौर पर किसान के साथ लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। यह आंदोलन पश्चिम उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहने वाली है, लेकिन लखीमपुर खीरी कांड के बाद इस किसान आंदोलन का पूरे प्रदेश में प्रभाव पड़ेगा और मुझे जो भी जिम्मेदारी पार्टी देगी, उसको मैं निभाने का प्रयास करूंगा.

सवाल : जिस तरह से प्रियंका गांधी ने आपको तरजीह दी है, उससे लगता है कि इसका इंपैक्ट हरियाणा की पॉलिटिक्स में भी होगा. आपको क्या लगता है?

जवाब : पार्टी ने अब तक मुझे जो जिम्मेदारी दी है, मैंने निभाने की कोशिश की है और आगे भी निभाता रहूंगा। प्रियंका गांधी के संघर्ष में जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाऊंगा.