कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) के बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने सरकार से गरीबों को कैश ट्रांसफर करने और निशुल्क अनाज बांटने का रविवार को अनुरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक निष्ठुर सरकार ही कुछ नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों को कैश की कमी है और वे मुफ्त के पके हुए भोजन के लिए कतारों में खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इसके काफी सबूत हैं कि ज्यादातर लोगों को कैश की कमी है और उन्हें मुफ्त का पका हुआ भोजन लेने के लिए कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है. केवल एक निष्ठुर सरकार मूक बनी रहेगी और कुछ नहीं करेगी.' पी चिदंबरम ने ट्वीट में सवाल किया, 'सरकार उन्हें भुखमरी से क्यों नहीं बचाती और हर गरीब परिवार को नकद रुपये देकर उनकी गरिमा की रक्षा क्यों नहीं करती.'
उन्होंने कहा, 'सरकार एफसीआई के साथ 7.7 करोड़ टन अनाज का एक छोटा-सा हिस्सा उन परिवारों को निशुल्क वितरित क्यों नहीं करती जिन्हें इस अनाज की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'ये सवाल आर्थिक और नैतिक दोनों हैं. जब राष्ट्र असहाय होकर खड़ा है तो नरेंद्र मोदी और निर्मला सीतारमण दोनों सवालों का जवाब देने में नाकाम रहे हैं.' यह भी पढ़ें- लॉकडाउन बढ़ाने के पीएम मोदी के ऐलान के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्र को घेरा, कहा- पैसा है, खाना है लेकिन सरकार देगी नहीं.
इससे पहले पी चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, 'हम लॉकडाउन बढ़ाने की मजबूरी समझते हैं. हम इस निर्णय का समर्थन करते हैं. लेकिन गरीबों को 40 दिनों (21+19) के लिए अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. पैसा है, खाद्य सामग्री है, लेकिन सरकार इन्हें जारी नहीं कर रही.' एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, 'मुख्यमंत्रियों की धनराशि की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. पी चिदंबरम ने कहा था, "धन है, खाना है लेकिन सरकार दोनों में से कुछ नहीं देगी. रोओ, मेरे प्यारे देश."