उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को विपक्षी दलों के सदन की चर्चा में मौजूद नहीं रहने पर उनपर हमला बोला. उन्होंने कहा कि विपक्षी लोकतांत्रिक मूल्यों को रौंदना और उन्हें कुचलना अपना जन्मसिद्ध अधिकार मानते हैं.
विधानमंडल के 36 घंटे के अनवरत विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि महात्मा गांधी की विचारधारा के प्रति विपक्षी दलों की कोई आस्था नहीं है.
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उन्होंने कहा, "जिनके लिए सत्ता अराजकता का माध्यम रही हो, वो लोग सत्ता हासिल करके अपना और अपने परिवार का बैंक बैंलेंस बढ़ाते रहे. उन्हें इस विशेष कार्यवाही से कोई लेना देना नहीं है. वह लोग सतत विकास पर चर्चा नहीं कर सकते हैं. विपक्षी दलों ने यह सिद्ध कर दिया है कि उनकी गांधी दर्शन में कोई आस्था नहीं है."
योगी ने कहा कि इन पार्टियों के लिये सत्ता व्यक्तिगत लूट-खसोट का माध्यम है और उनका जनकल्याण से कोई सरोकार नहीं है. अपने संबोधन में उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का विस्तृत ब्यौरा दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2024 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है. इसे पूरा करने की जिम्मेदारी पूरे देश की है. उत्तर प्रदेश भी एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करेगा. हर जिले की अपनी जीडीपी होगी. इस दिशा में हम काम कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "पिछली सरकारों के जमाने में लोग बुनियादी सुविधाओं के लिये भटकते थे और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती थी. प्रदेश में 54 बस्तियां ऐसी थीं, जहां सड़क, शिक्षा, पानी, बिजली, स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं थी. शासन की किसी भी योजना का लाभ उनलोगों को नहीं मिलता था. उन्हें व्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला. हमारी सरकार ने उन वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें ये तमाम सुविधाएं दी हैं."
योगी ने कहा कि मार्च 2017 से सितम्बर 2019 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में 12 लाख 82 हजार प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराये गये हैं. इसमें जो परिवार आच्छादित नहीं थे, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज मैं दावा कर सकता हूं कि प्रदेश में भूख से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हो सकती. यूपी के गोदामों में इतना अनाज है कि हम तीन साल तक हर नागरिक को बैठाकर खिला सकते हैं."
उन्होंने कहा, "हमने जहां खाद्यान्न की गारंटी दी, वहीं पोषण मिशन को भी आगे बढ़ाया. यह कुपोषण से मुक्ति का एक अभियान है. आज सरकार ने पोषण के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, प्राइमरी स्कूलों में रसोइयों, बीआरडी और होमगाडर्स जवानों का मानदेय बढ़ाया है. उसे 'परफॉर्मेस बेस्ड' बनाया है. यानी जो अच्छा काम करेगा उसका मानदेय बढ़ेगा, जो नहीं करेगा उसका घटेगा."
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सतत विकास की चर्चा को हम ग्राम सभा और नगर निकायों में भी ले जाना चाहते हैं. इसके लिए वृहत कार्य योजना बनाई जाएगी.
गौरतलब है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर प्रदेश में सतत विकास का लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर उत्तर प्रदेश विधानमंडल का विशेष सत्र जारी है. विधान भवन में बीते 23 घंटा से लगातार चर्चा जारी है. यह विशेष सत्र 36 घंटे तक चलेगा.
उन्होंने कहा, "जिनके लिए सत्ता अराजकता का माध्यम रही हो, वो लोग सत्ता हासिल करके अपना और अपने परिवार का बैंक बैंलेंस बढ़ाते रहे. उन्हें इस विशेष कार्यवाही से कोई लेना देना नहीं है. वह लोग सतत विकास पर चर्चा नहीं कर सकते हैं. विपक्षी दलों ने यह सिद्ध कर दिया है कि उनकी गांधी दर्शन में कोई आस्था नहीं है."
योगी ने कहा कि इन पार्टियों के लिये सत्ता व्यक्तिगत लूट-खसोट का माध्यम है और उनका जनकल्याण से कोई सरोकार नहीं है. अपने संबोधन में उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अपनी सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का विस्तृत ब्यौरा दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2024 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है. इसे पूरा करने की जिम्मेदारी पूरे देश की है. उत्तर प्रदेश भी एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करेगा. हर जिले की अपनी जीडीपी होगी. इस दिशा में हम काम कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "पिछली सरकारों के जमाने में लोग बुनियादी सुविधाओं के लिये भटकते थे और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती थी. प्रदेश में 54 बस्तियां ऐसी थीं, जहां सड़क, शिक्षा, पानी, बिजली, स्वास्थ्य की व्यवस्था नहीं थी. शासन की किसी भी योजना का लाभ उनलोगों को नहीं मिलता था. उन्हें व्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका नहीं मिला. हमारी सरकार ने उन वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें ये तमाम सुविधाएं दी हैं."
योगी ने कहा कि मार्च 2017 से सितम्बर 2019 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में 12 लाख 82 हजार प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराये गये हैं. इसमें जो परिवार आच्छादित नहीं थे, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज मैं दावा कर सकता हूं कि प्रदेश में भूख से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हो सकती. यूपी के गोदामों में इतना अनाज है कि हम तीन साल तक हर नागरिक को बैठाकर खिला सकते हैं."
उन्होंने कहा, "हमने जहां खाद्यान्न की गारंटी दी, वहीं पोषण मिशन को भी आगे बढ़ाया. यह कुपोषण से मुक्ति का एक अभियान है. आज सरकार ने पोषण के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, प्राइमरी स्कूलों में रसोइयों, बीआरडी और होमगाडर्स जवानों का मानदेय बढ़ाया है. उसे 'परफॉर्मेस बेस्ड' बनाया है. यानी जो अच्छा काम करेगा उसका मानदेय बढ़ेगा, जो नहीं करेगा उसका घटेगा."
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सतत विकास की चर्चा को हम ग्राम सभा और नगर निकायों में भी ले जाना चाहते हैं. इसके लिए वृहत कार्य योजना बनाई जाएगी.
गौरतलब है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर प्रदेश में सतत विकास का लक्ष्य प्राप्त करने को लेकर उत्तर प्रदेश विधानमंडल का विशेष सत्र जारी है. विधान भवन में बीते 23 घंटा से लगातार चर्चा जारी है. यह विशेष सत्र 36 घंटे तक चलेगा.