पटना: बिहार (Bihar) विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Yadav) ने शुक्रवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) जाति आधारित जनगणना का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के समक्ष उठाने के लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गए हैं. तेजस्वी ने विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री से उनके कक्ष में मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उक्त बात कही. Weather Forecast: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून मेहरबान, जारी रहेगी बरसात, जानें अन्य राज्यों का हाल
जाति आधारित जनगणना में केवल अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति शामिल होंगे, संसद में केन्द्र के इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को इस जनगणना में शामिल करने की मांग शुरू हो गयी है.
तेजस्वी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने हमें बताया है कि वह जाति आधारित जनगणना की हमारी मांग से सहमत हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली के लिए जा रहे हैं. दो अगस्त को वापसी के बाद वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगेंगे.’’
CM Nitish Kumar had assured Opposition parties to seek a meeting with PM Modi over caste census. The CM wrote to the PM on Aug 4 but has yet not been given time. If he hasn't been granted time for a week now, somehow it's an insult of the CM: Tejashwi Yadav, LoP in Bihar Assembly pic.twitter.com/kzZ7SwZPZR
— ANI (@ANI) August 13, 2021
राजद नेता तेजस्वी ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘हमलोगों का सुझाव है कि विधानसभा का एक सर्वदलीय शिष्टमंडल मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिलकर उनके समक्ष अपनी मांग रखे. अगर मुख्यमंत्री इसमें असमर्थता व्यक्त करते हैं, तो राज्य सरकार सभी जातियों की जनगणना करे जैसे कर्नाटक ने कुछ समय पहले किया था.’’
स्वयं ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नीतीश भी कई बार जाति आधारित जनगणना की वकालत कर चुके हैं और हाल ही में उन्होंने केंद्र से इस मुद्दे पर पुन:विचार का आग्रह किया था.
इसके अलावा पूर्व में बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा जाति आधारित जनगणना के पक्ष में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए हैं.
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने दावा किया कि हमने यह भी प्रस्ताव दिया कि केंद्र की मांग पर सहमति नहीं होने की स्थिति में, राज्य को अपने दम पर इस तरह की कवायद करने पर विचार करना चाहिए जैसे कर्नाटक ने कुछ साल पहले किया था.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वह इस विकल्प पर भी विचार करेंगे.
कर्नाटक में 2015 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा एक सामाजिक और शैक्षिक सर्वेक्षण, जिसे जाति आधारित जनगणना के समकक्ष के रूप में देखा जाता है, कराया गया था.
राजद नेता से तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक के एक सांसद द्वारा बिहारियों के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैंने खुद बयान नहीं सुना है.’’
उनके पिता लालू प्रसाद के रेलमंत्रित्व काल में बिहार के लोगों का पक्ष लेने का आरोप लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा कि ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए. देश के सभी हिस्सों के लोग जहां चाहें नौकरी हासिल करने या अवसर पाने के लिए स्वतंत्र हैं.
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