नई दिल्ली: सीबीआई ने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का विरोध किया. जांच ब्यूरो का कहना है कि वह चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल लेकर जमानत का ‘‘गलत’’ इस्तेमाल कर सकते हैं.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव इस समय चारा घोटाला मामले में रांची स्थित बिरसा मुण्डा केन्द्रीय जेल में सजा काट रहे हैं.
सीबीआई ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से यादव की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति मांगी थी. जांच ब्यूरो ने कहा कि राजद प्रमुख आसन्न लोकसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं और अपनी जमानत का दुरूपयोग कर सकते हैं. जांच एजेंसी ने कहा कि वैसे भी लालू प्रसाद यादव आठ महीने से ज्यादा वक्त से अस्पताल के वार्ड में हैं और राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त हो रहे हैं.
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सीबीआई ने अपने जवाब में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता (यादव) जिस अवधि में अस्पताल में रहे हैं, उन्हें ना सिर्फ सभी सुविधाओं से युक्त विशेष वार्ड की अनुमति दी गई बल्कि वह वहां से आभासी तरीके से अपनी राजनीतिक गतिविधियां चला रहे हैं. यह उनके मुलाकातियों की सूची से स्पष्ट है.’’ एजेंसी ने कहा कि यादव दावा करते हैं कि वह इतने बीमार हैं कि जेल में नहीं रह सकते, लेकिन अचानक वह जमानत पाने के लिए स्वस्थ हो गए हैं.
रांची में बिरसा मुण्डा केन्द्रीय जेल में बंद राजद सुप्रीमो ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के झारखण्ड उच्च न्यायालय के 10 जनवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. लालू प्रसाद को नौ सौ करोड़ रूपए से अधिक के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. ये मामले 1990 के दशक में, जब झारखण्ड बिहार का हिस्सा था, धोखे से पशुपालन विभाग के खजाने से धन निकालने से संबंधित हैं.