राजनीतिक विवाद का केंद्र बने राफेल डील (Rafale Deal) पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को सरकार ने बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की तरफ से भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) में पूंजी अधिग्रहण (Capital Acquisitions) पर कैग की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई है. इसमें राफेल डील का विवरण भी शामिल है. कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि 126 विमान सौदे की तुलना में भारत 36 राफेल कॉन्ट्रैक्ट में इंडिया स्पेसिफिक इनहैंसमेंट के लिए 17.08 फीसदी पैसा बचाने में कामयाब रहा.
CAG report on Capital Acquisitions in Indian Air Force has been tabled in Rajya Sabha, it also includes the details of Rafale deal. pic.twitter.com/h71uY1OOmY
— ANI (@ANI) February 13, 2019
बता दें कि बुधवार को संसद के बजट सत्र का आखिरी दिन है, ऐसे में विपक्ष की ओर से उठ रहे सवालों के बीच मोदी सरकार की तरफ से लोकसभा में राफेल डील पर कैग रिपोर्ट को लोकसभा में पेश करने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन लोकसभा से पहले सरकार ने राज्यसभा में कैग रिपोर्ट को पेश किया है. इससे पहले संसद भवन के परिसर में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन किया.
Delhi: Earlier visuals of protest by Congress party, in the Parliament premises over Rafale deal. pic.twitter.com/7ciCSjXmO4
— ANI (@ANI) February 13, 2019
वहीं, संसद में राफेल डील पर कैग की रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले राहुल गांधी ने कहा कि वे इस पर आज विस्तार से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कैग रिपोर्ट को लेकर कहा कि आज हम जानेंगे कि उस रिपोर्ट में क्या है. लेकिन केंद्र सरकार ने सीलबंद लिफाफे में पहले ही सुप्रीम कोर्ट को अपनी मंशा बता दी है. इसके आधार पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राफेल डील की कीमतों में कोई घोटाला नहीं है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: क्या येदियुरप्पा की गलती पीएम मोदी को पड़ेगी भारी? कर्नाटक में बैकफुट पर बीजेपी
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आप देख सकते हैं कि केंद्र सरकार ने इस मामले में पहले ही निर्णय कर लिया है, इसलिए इस रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है. दूसरी बात ये है कि इसमें हितों का टकराव है. जो आदमी उस वक्त मध्यस्थता कर रहा था. वह अब रिपोर्ट तैयार कर रहा है.