CAA Protest: दिल्ली में अमित शाह की रैली के दौरान प्रदर्शन करने वाली दो महिलाओं से घर खाली कराया गया

पेशे से वकील सूर्या रजप्पन ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रविवार को दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में घर-घर जाकर संपर्क कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने और उनके फ्लैट में रहने वाली साथी ने अपने अपार्टमेंट की बालकनी से एक बैनर दिखाया.

गृह मंत्री अमित शाह (Photo: Twitter)

 Delhi Assembly Elections 2020: संशोधित नागरिकता अधिनियम के समर्थन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की जनसंपर्क रैली के दौरान बालकनी से कानून का विरोध करने वाली दो महिलाओं ने कहा है कि उनसे घर खाली करा लिया गया है.  पेशे से वकील सूर्या रजप्पन ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रविवार को दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर (Lajpat Nagar) में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में घर-घर जाकर संपर्क कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने और उनके फ्लैट में रहने वाली साथी ने अपने अपार्टमेंट की बालकनी से एक बैनर दिखाया. बैनर पर बीच में बड़े अक्षरों में शेम (शर्म) और दोनों तरफ सीएए और एनआरसी लिखा हुआ था। इसके अलावा उसपर जयहिंद, आजादी और 'नॉट इन माई नेम' भी लिखा था.

सूर्या (27) ने कहा, ''सीएए और एनआरसी को लेकर शांतिपूर्ण विरोध को दर्ज कराने के लिए और यह दिखाने के लिये कि सरकार की परेड देख रहे सभी लोग सीएए और एनआरसी के समर्थन में नहीं हैं, फ्लैट की मेरी साथी और मैंने अपने अपार्टमेंट की बालकनी से उस समय बैनर प्रदर्शित किया, जब अमित शाह के नेतृत्व में रैली हमारी गली से गुजर रही थी.’’ दिल्ली में पली-बढ़ी और और लाजपत नगर में रहीं सूर्या ने आरोप लगाया कि इस विरोध को देखकर, रैली में शामिल लोग गुस्सा हो गए और अपशब्द कहे.

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सूर्या ने कहा कि उनके अपार्टमेंट के नीचे सड़क पर लगभग 150 लोगों की भीड़ जमा थी, जिन्होंने बालकनी से लटकाए गए विरोध बैनर को फाड़ दिया गया और अपने साथ ले गए. सूर्या ने कहा कि एक समूह भीड़ से अलग हो गया, जो नीचे की तरफ इकट्ठा हो गया और सीढ़ियों से ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगा. साथ ही धमकी दी कि अगर उन्हें ऊपर नहीं आने दिया गया तो दरवाजा तोड़ दिया जाएगा.

सूर्या ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि शांतिपूर्ण विरोध के बदले ऐसी हिंसक प्रतिक्रिया मिलेगी। हमें अपनी सुरक्षा और जान का खतरा होने लगा. हमने खुद को घर में बंद कर लिया, फिर भी पुलिस के हस्तक्षेप करने तक वे हिंसक रूप से हमारा दरवाजे पीटते रहे और चिल्लाते रहे. उन्होंने कहा, ''इस बीच, हमारे मकान मालिक ने बताया कि हमें मकान से निकाल दिया गया है. काफी देर बाद और कई बार हस्तक्षेप करने के बाद मेरे दोस्तों और पिता को एक पुलिस अधिकारी के साथ परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई.''

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