मायावती ने यादव वोटरों पर फोड़ा लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा, अखिलेश से कहा समाजवादी में करें बदलाव नहीं तो गठबंधन मुश्किल
अखिलेश यादव और मायावती (Photo Credits: File)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में पराजय के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ उपचुनावों (Bypolls) में गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने बीएसपी के ख़राब प्रदर्शन का ठीकरा एसपी के यादव वोटरों पर फोड़ा है. साथ ही कहा है कि अगर ऐसा ही रहा तो भविष्य में एसपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया जाएगा.

बीएसपी प्रमुख मायावती ने सूबे में गठबंधन को लेकर आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीएसपी आगामी उपचुनाव अपने दम पर अकेले लड़ेगी. मायावती ने कहा हमने सारे गिले-शिकवे भूलकर एसपी के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था. लेकिन उनके साथ यादव वोट मजबूती से नहीं रहे जिसके कारण हार हुई. मैं समाजवादियों की हार से बहुत दुखी हूं.

उन्होंने आगे कहा “ चुनाव के बाद जो नतीजे सामने आए है उसने बहुत कुछ सोचने पर मजबूर किया हैं. अखिलेश यादव को अपने पार्टी में बहुत कुछ बदलाव लाने की जरुरत है. और अगर ऐसा किया हम उनके साथ रहेंगे, नहीं तो अकेले चलना बेहतर होगा. फिलहाल एसपी के साथ हमारे रिश्ते हमेशा बने रहेंगे.

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन को तोड़ने के संकेत दिए. दिल्ली में उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद मायावती ने घोषणा किया था कि बीएसपी राज्य में अकेल 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी.

इसके अलावा बीएसपी सामान्य तौर पर उपचुनाव नहीं लड़ती है लेकिन इस बार उसने घोषणा की थी कि वह राज्य के उपचुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी. पार्टी की बैठक में उन्होंने कहा था कि बीएसपी को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन से कोई फायदा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच वोटों का हस्तांतरण नहीं हुआ.

उन्होंने पार्टी नेताओं से 11 विधानसभा सीटों के उप चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची बनाने के लिए कहा. यह उपचुनाव, इन विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने की वजह से होंगे.

इसमें बीजेपी के नौ विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीता है, जबकि बीएसपी व एसपी के एक-एक विधायक लोकसभा के लिए चुने गए हैं.

बीएसपी ने उत्तर प्रदेश में 10 लोकसभा सीटें जीती हैं. जबकि पार्टी 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी सिर्फ पांच सीटें जीत सकी. राष्ट्रीय लोकदल ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा व एक भी सीट नहीं जीत सकी.