लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के संविधान में बड़े बदलाव किए हैं जिसकी घोषणा उन्होंने सबके सामने की. जानकारी के अनुसार अब बसपा में जो भी राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा उसका कोई भी रिश्तेदार किसी विशेष पद पर नहीं रहेगा, वह साधारण कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी की सेवा करेगा. इसके साथ ही पार्टी संविधान में बदलाव की घोषणा करते हुए मायावती ने कहा, 'अभी मैं अगले लगभग 20-22 वर्षों तक खुद ही आगे और सक्रिय रहकर पार्टी की गतिविधियों को आगे बढ़ाती रहूंगी. अब ऐसे में अगले लगभग 20-22 वर्षों तक पार्टी में किसी को भी पार्टी का मुखिया बनने का सपना नहीं देखना चाहिए और न ही किसी को अभी मेरा उत्तराधिकारी बनने का भी सपना देखना चाहिए.
दूसरी तरफ सबको चौकाते हुए मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को बसपा के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा, 'लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के कामकाज को देखने के लिए आनंद कुमार को उपाध्यक्ष बनाया था, लेकिन हमारी पार्टी के भीतर भी कांग्रेस की तरह परिवारवाद की चर्चा शुरू हो गई थी. लोगों ने आनंद कुमार की तर्ज पर अपने नाते रिश्तेदारों को रखने की सिफारिश शुरू कर दी थी. कई सिफारिश तो सीधे मेरे तक पहुंचने लगी. ऐसे में पार्टी को मूवमेंट से डिगता देख आनंद कुमार ने खुद ही पद छोड़ने की इच्छा जताई जिसे मैंने स्वीकार कर लिया और अब वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नहीं रहेंगे.'
BSP Chief Mayawati yesterday removed her brother Anand Kumar from the post of BSP Vice-President.She also nominated R.S. Kushwaha as the new BSP State President in place of Ram Achal Rajbhar who is now the party national General Secretary. pic.twitter.com/qIJDj9IPo0
— ANI UP (@ANINewsUP) May 27, 2018
बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि मुझे खुद को भी मिलाकर तथा मेरे बाद अब आगे भी पार्टी का जो भी 'राष्ट्रीय अध्यक्ष' बनाया जायेगा तो फिर उसके जीते-जी व ना रहने के बाद भी उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी स्तर के पद पर नहीं रखा जाएगा।