मुंबई: साल 2014 में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिल्ली के तख़्त पर विराजमान हुई भारतीय जनता पार्टी ने 2019 चुनाव जीतने की तैयारी भी कर ली है. पीएम मोदी और पार्टी मुखिया अमित शाह ने मंगलवार को बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर पार्टी की आगे की रणनीति पर मंथन किया. पीएम मोदी ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा लिया. सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्य की स्थिति से बीजेपी आलाकमान को अवगत कराया और चुनाव जीतने के लिए क्या करना चाहिए इसके लिए सुझाव भी दिए.
वैसे बीजेपी की 2019 की राह इतनी आसान नहीं हैं. खासकर तब जब विपक्ष एकजुट होने की कवायद में जुटा हुआ है. उत्तर प्रदेश में जहां पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीट जीती थी वहां सपा-बसपा गठबंधन से पार्टी का समीकरण गड़बड़ाता नजर आ रहा है. इसके आलावा बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी पार्टी 2014 की कहानी दुहाराएगी, इसके आसार कम ही नजर आ रहे हैं. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की नजर दक्षिण और पूर्व उत्तरी राज्यों पर हैं. पार्टी उत्तरी राज्यों में होने वाले नुकसान की भरपाई दक्षिण और उत्तर पूर्वी राज्यों से करने की योजना बना रही हैं.
तमिलनाडू में एआईएडीएमके का मिल सकता है साथ:
डीएमके के अध्यक्ष बनने के बाद करूणानिधि के बेटे एम.के. स्टालिन ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला. ऐसे में बीजेपी अगले आम चुनावों में एआईएडीएमके से हाथ मिला सकती है. वैसे जयललिता और करूणानिधि के निधन के बाद होने वाले यह पहले चुनाव में जनता किसे समर्थन देगी यह अभी साफ़ नहीं है मगर बीजेपी के लिए यहां गठबंधन करना मज़बूरी है. सूबे में पार्टी का कैडर मजबूत नहीं है. ऐसे में एआईएडीएमके के साथ पार्टी को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है.
आंध्र में वाईएसआर कांग्रेस पर नजर:
2014 आम चुनावों के दौरान बीजेपी ने आंध्र प्रदेश के सत्तारूढ़ दल टीडीपी से गठबंधन किया था मगर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर पार्टी ने केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. टीडीपी और कांग्रेस का गठबंधन होना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में बीजेपी की नजर जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पर है. वैसे अमित शाह सूबे के अन्य छोटे सियासी दलों से भी बातचीत कर रहे हैं.
कर्नाटक में नैया पार लगाएंगे येदियुरप्पा:
कर्नाटक में इसी साल मई के महीने में विधानसभा चुनाव हुए थे जहां बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. बीजेपी सूबे की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी मगर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के चलते सरकार बनाने में असफल रही थी. मगर पार्टी ने 100 से अधिक सीट जीती थी जिससे उनका मनोबल बढ़ा हुआ है. कर्नाटक बीजेपी के मुखिया लगातार सूबे में घूमकर मौजूदा राज्य सरकार को चुनौती दे रहे हैं. बीजेपी आलाकमान को भी लगता है कि इस बार पार्टी 2014 से अच्छा प्रदर्शन करेगी.
तेलंगाना में भी गठबंधन की कोशिश:
तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की टीआरएस और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है. ऐसे में बीजेपी टीआरएस पर गठबंधन के लिए डोरे डाल रही हैं. पार्टी को लगता है कि कांग्रेस से मुकाबले के लिए टीआरएस उन्हें साथ ले सकती हैं.
बता दें कि उत्तर के कई राज्यों में बीजेपी की सरकार है और वहां उन्हें सत्ता-विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में पार्टी दोबारा सत्ता में आने के लिए दक्षिण के राज्यों में जोर लगा रही हैं.