Akhilesh Yadav On BJP: भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है- अखिलेश यादव
समजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी में चल रहे घटनाक्रम पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है.
Akhilesh Yadav On BJP: समजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी में चल रहे घटनाक्रम पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है. अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट में लिखा कि ''भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है. तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है.
जनता के बारे में सोचने वाला भाजपा में कोई नहीं है.'' बीते दिनों लखनऊ में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान से यूपी की सियासत में उथल-पुथल मच गई. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि ''संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है। हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है.'' उनके इस बयान के बाद मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सरकार और संगठन दोनों के प्रतिनिधियों को बुलाया. जेपी नड्डा ने केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से अलग-अलग मुलाकात की. बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा ने इस बैठक में आगामी उपचुनाव को लेकर मंथन किया है. यह भी पढ़ें: Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार को बड़ा झटका, दो दर्जन नेता शरद पवार की पार्टी में शामिल (Watch Video)
यहाँ देखें अखिलेश यादव का पोस्ट:
साथ ही संगठन को मजबूत करने के अलावा कार्यकर्ताओं की समस्या और जातियों में बंटे वोटरों को एकजुट करने की भी योजना पर भी चर्चा की है. यूपी बीजेपी के दो बड़े नेता केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी को अचानक दिल्ली बुलाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया. लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव भाजपा के लिए काफी अहम हैं. पार्टी के अंदर ऐसी बयानबाजी के चलते भाजपा अपने विपक्ष को कोई भी मौका नहीं देना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान ने दोनों नेताओं को सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने और अनावश्यक बयान पर विराम लगाने का निर्देश दिया है.