जयपुर, 30 मई: राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनावों में भाजपा ने वसुंधरा राजे के विरोधी घनश्याम तिवारी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने जिन तीनों उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, वे सभी बाहरी हैं. Rajya Sabha Elections: नीतीश का खेला, JDU से नहीं दिया RP सिंह को टिकट, मंत्रिपद पर टंग गई तलवार
भाजपा प्रत्याशी तिवारी 6 बार विधायक रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूसरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बार उनके खिलाफ खुलकर बगावत की. दरअसल, उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी छोड़ दी थी और अपनी पार्टी बनाई थी. साथ ही कुछ समय के लिए उन्होंने कांग्रेस से भी हाथ मिलाया, लेकिन फिर भाजपा नेताओं के समझाने पर घर वापसी की. तिवारी अपने राजे विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं और राजनीति में 45 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं. माना जा रहा है कि भाजपा एक और निर्दलीय उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है.
तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं. मैं पार्टी के राज्य नेतृत्व का भी आभार व्यक्त करता हूं. यह पूछे जाने पर कि क्या उनका चयन वसुंधरा खेमे के लिए सीधा संदेश है, उन्होंने कहा, "मैं सब कुछ भूलकर भाजपा में शामिल हुआ था. मेरे लिए सभी समान हैं. मैं सबके साथ मिलकर काम करूंगा."
इस बीच कांग्रेस ने रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. कांग्रेस ने राजस्थान के किसी भी नेता को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया. वासनिक और सुरजेवाला को गहलोत का करीबी माना जाता है. वासनिक जहां लंबे समय तक राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी थे, वहीं सुरजेवाला राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ-साथ कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख भी हैं.
राज्यसभा में कांग्रेस के पहले से ही तीन सांसद हैं और तीन सीटों पर जीत लगभग तय है. अब राज्यसभा में कांग्रेस के छह सांसद होंगे, लेकिन केवल एक उम्मीदवार नीरज डांगी हीं राजस्थान से आते हैं. बाकी बाहरी हैं. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद थे.
स्थानीय नेताओं को राज्यसभा में मौका नहीं दिए जाने के बाद कांग्रेस की ओर से असंतोष के स्वर उठने लगे हैं. मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने अपने ट्वीट में सवाल उठाया, "कांग्रेस पार्टी बताए कि राजस्थान के किसी कांग्रेस नेता/कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार न बनाने का क्या कारण है?" उन्होंने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस इंडिया और आईएनसी राजस्थान समेत सभी वरिष्ठ नेताओं को टैग किया.
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीनों उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा, " मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला को कांग्रेस की ओर से राजस्थान से राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएं. मुझे विश्वास है कि तीनों वरिष्ठ नेता सत्ता में बैठी एनडीए सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान के अधिकारों की आवाज उठाएंगे."