BJP Foundation Day: आज है भारतीय जनता पार्टी का 39वां स्थापना दिवस, जानिए 1980 से लेकर अब तक का पूरा सफर
6 अप्रैल 1980 में देश में एक नई पार्टी बीजेपी की नींव रखी गई थी और इस पार्टी के अध्यक्ष बने थे अटल बिहारी बाजपयी. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना को आज 39 साल हो चुके हैं. कभी लोकसभा चुनाव में मात्र दो सीटें जीतने वाली बीजेपी आज देश पूरे देश में राज कर रही है...
BJP Foundation Day: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नींव 6 अप्रैल 1980 में रखी गई थी तब इसके अध्यक्ष बने थे अटल बिहारी वाजपेयी. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना को आज 39 साल पूरे हो चुके हैं. कभी लोकसभा चुनाव में मात्र दो सीटें जीतने वाली बीजेपी आज पूरे देश की कमान संभाल रही है. बीजेपी के गठन के बाद से इसके नींव को मजबूत करने में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी का बहुत बड़ा योगदान रहा है. बीजेपी को बनाने के बाद देश के पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने एक घोषणा की और उस घोषणा में कहा था कि, 'मैं भारत के पश्चिमी घाट को मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर यह भविष्यवाणी करने का साहस करता हूं कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा. वाजपेयी की ये भविष्यवाणी सच साबित हुई और साल 2014 में ऐसा कमल खिला कि आज केंद्र व देश के 21 राज्यों में बीजेपी सत्ता में काबिज है.
अटल बिहारी वाजपेयी ने जब पार्टी की नींव रखी थी तभी उन्होंने तय कर लिया था कि पार्टी का रास्ता पूंजीवाद और मार्क्सवाद का नहीं बल्कि महात्मा गांधी के समाजवाद का होगा. अटल ने शिवाजी महाराज और महात्मा ज्योतिबा फुले का नाम लेकर कमल खिलाने का सपना देखा. लेकिन 1984 के चुनावों ने इस सपने को धराशायी कर दिया. पार्टी को लोकसभा में महज दो सीटें मिलीं. तब वाजपेयी भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे.
ऐसा कहा जाता है जब अटल बिहारी वाजपेयी की पीठ पार्टी को अधिक मजबूती नहीं दे पा रही थी, तब वर्ष 1986 में पार्टी की कमान लालकृष्ण अडवाणी ने अपने हाथों में ले ली. जिसके बाद 1987 में तत्कालीन सरसंघचालक बालासाहेब देवरस के साथ अटल-आडवाणी की बैठक हुई. इस बैठक में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को हराने के लिए गहरा मंथन किया गया. ऐसा कहा जाता है कि तब से ही बीजेपी ने राम मंदिर का रास्ता चुना. जिसके बाद 1989 में बीजेपी ने वीएचपी (विश्व हिन्दू परिषद) के राम मंदिर आंदोलन को औपचारिक समर्थन दे दिया और राम मंदिर के मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू हो गया. इस आंदोलन का बीजेपी को बहुत फायदा हुआ और 1989 के आम चुनाव में बीजेपी ने अकेले दम पर 85 सीटें हासिल कर ली.
इसके बाद बीजेपी की पकड़ देश की राजनीति पर बहुत मजबूत हो गई. 1996 में बीजेपी ने आम चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारतीय संसद में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी. जिस वजह से बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया. जो कि महज 13 दिन ही चल पाई. इसके बाद साल 2014 के आम चुनावों में बीजेपी ने अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए लोकसभा की 282 सीटों पर जीत का परचम फहराया. जबकि इसके नेतृत्व वाले राजग (NDA) को लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 336 सीटों पर जीत प्राप्त हुई. जिसके बाद बीजेपी के संसदीय दल के नेता नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. देश की सियासत में साल 1984 के बाद ऐसा पहली बार था, जब भारतीय संसद में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत मिला हो.