शीतकालीन सत्र: किन्नरों से भेदभाव रोकने के लिए राज्यसभा में विधेयक पारित

राज्यसभा ने मंगलवार को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक-2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. यह विधेयक किन्नर समुदाय (ट्रांसजेंडर) के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए लाया गया है. द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा द्वारा विधेयक को आगे की परीक्षा के लिए एक चयन समिति को संदर्भित करने का प्रस्ताव गिर गया.

राजनीति IANS|
शीतकालीन सत्र: किन्नरों से भेदभाव रोकने के लिए राज्यसभा में विधेयक पारित
लोकसभा (Photo Credits : IANS)

राज्यसभा ने मंगलवार को ट्रांसजेंडर (Transgender) व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक-2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. यह विधेयक किन्नर समुदाय (ट्रांसजेंडर) के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए लाया गया है. द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा द्वारा विधेयक को आगे की परीक्षा के लिए एक चयन समिति को संदर्भित करने का प्रस्ताव गिर गया. इसके पक्ष में 48 और विपक्ष में 67 सदस्यों ने मतदान किया. विधेयक, जो एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परिभाषित करता है, जिसका लिंग जन्म के समय निर्धारित लिंग से मेल नहीं खाता है, लोकसभा द्वारा मानसून सत्र में पारित किया गया था.

इससे पहले इस बिल को संसद के मानसून सत्र में लोकसभा ने पारित किया था. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि य�्वीर" /> BREAKING: सिद्धू मूसेवाला के घर फिर गूंजी किलकारी, मां चरण कौर ने दिया बेटे को जन्म, देखें पहली तस्वीर

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शीतकालीन सत्र: किन्नरों से भेदभाव रोकने के लिए राज्यसभा में विधेयक पारित

राज्यसभा ने मंगलवार को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक-2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. यह विधेयक किन्नर समुदाय (ट्रांसजेंडर) के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए लाया गया है. द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा द्वारा विधेयक को आगे की परीक्षा के लिए एक चयन समिति को संदर्भित करने का प्रस्ताव गिर गया.

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राज्यसभा ने मंगलवार को ट्रांसजेंडर (Transgender) व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक-2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. यह विधेयक किन्नर समुदाय (ट्रांसजेंडर) के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए लाया गया है. द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा द्वारा विधेयक को आगे की परीक्षा के लिए एक चयन समिति को संदर्भित करने का प्रस्ताव गिर गया. इसके पक्ष में 48 और विपक्ष में 67 सदस्यों ने मतदान किया. विधेयक, जो एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परिभाषित करता है, जिसका लिंग जन्म के समय निर्धारित लिंग से मेल नहीं खाता है, लोकसभा द्वारा मानसून सत्र में पारित किया गया था.

इससे पहले इस बिल को संसद के मानसून सत्र में लोकसभा ने पारित किया था. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि यदि संबंधित प्रावधानों का विस्तार से अध्ययन किया जाए, तो सदस्यों द्वारा उठाए गए कुछ आशंकाएं निराधार हैं. प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा में कुल 30 सदस्यों ने भाग लिया. लगभग सभी सदस्यों ने बिल का समर्थन किया लेकिन कुछ इसे हाउस पैनल के लिए भेजना चाहते थे. मंत्री ने कहा कि यह विधेयक व्यापक है और इसमें कोई कमी नहीं है.

यह भी पढ़ें: लोकसभा: कांग्रेस ने आर्थिक मंदी और कृषि संकट के मुद्दे उठाने का लिया निर्णय, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की बैठक की अध्यक्षता

2011 की जनगणना के अनुसार, देश में लगभग 4.8 लाख ट्रांसजेंडर लोग हैं, लेकिन अनुमान है कि इनकी संख्या देश में 40 लाख के करीब है. विधेयक का समर्थन करते हुए, वाईएसआरसीपी नेता वी. विजयसाई रेड्डी ने कहा, "अगर सदन इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का फैसला करता है तो उन्हें आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो मेरे पास कुछ सुझाव हैं." एआईएडीएमके नेता नवनीत कृष्णन ने विधेयक का नाम बदलकर थर्ड जेंडर बिल करने का सुझाव दिया.

IANS|
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राज्यसभा ने मंगलवार को ट्रांसजेंडर (Transgender) व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक-2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. यह विधेयक किन्नर समुदाय (ट्रांसजेंडर) के खिलाफ भेदभाव को रोकने के लिए लाया गया है. द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा द्वारा विधेयक को आगे की परीक्षा के लिए एक चयन समिति को संदर्भित करने का प्रस्ताव गिर गया. इसके पक्ष में 48 और विपक्ष में 67 सदस्यों ने मतदान किया. विधेयक, जो एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परिभाषित करता है, जिसका लिंग जन्म के समय निर्धारित लिंग से मेल नहीं खाता है, लोकसभा द्वारा मानसून सत्र में पारित किया गया था.

इससे पहले इस बिल को संसद के मानसून सत्र में लोकसभा ने पारित किया था. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि यदि संबंधित प्रावधानों का विस्तार से अध्ययन किया जाए, तो सदस्यों द्वारा उठाए गए कुछ आशंकाएं निराधार हैं. प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा में कुल 30 सदस्यों ने भाग लिया. लगभग सभी सदस्यों ने बिल का समर्थन किया लेकिन कुछ इसे हाउस पैनल के लिए भेजना चाहते थे. मंत्री ने कहा कि यह विधेयक व्यापक है और इसमें कोई कमी नहीं है.

यह भी पढ़ें: लोकसभा: कांग्रेस ने आर्थिक मंदी और कृषि संकट के मुद्दे उठाने का लिया निर्णय, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की बैठक की अध्यक्षता

2011 की जनगणना के अनुसार, देश में लगभग 4.8 लाख ट्रांसजेंडर लोग हैं, लेकिन अनुमान है कि इनकी संख्या देश में 40 लाख के करीब है. विधेयक का समर्थन करते हुए, वाईएसआरसीपी नेता वी. विजयसाई रेड्डी ने कहा, "अगर सदन इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का फैसला करता है तो उन्हें आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो मेरे पास कुछ सुझाव हैं." एआईएडीएमके नेता नवनीत कृष्णन ने विधेयक का नाम बदलकर थर्ड जेंडर बिल करने का सुझाव दिया.

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