पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच बढ़ी दरार के बाद दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप जारी है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने जहां बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) पर एक के बाद एक कई आरोप लगाये. वहीं चिराग पासवान के बाद उनके चाचा पशुपति ने एनडीए के साथ बिहार विधानसभा चुनाव ना लड़ने का आरोप उनके ऊपर लगाया है. उन्होंने कहा कि हम एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन चिराग पासवान इसके लिए राजी नहीं हुए, यही वजह है कि एलजेपी खत्म होने की कगार पर है.
पशुपति ने चिराग पासवान से सवाल किया कि लोकसभा चुनाव उनकी देखरेख में लड़ा गया और सभी 6 सांसद जीते. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हमें सबसे ज्यादा वोट मिले. इसके बाद भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया गया. सत्ता न होने पर भी उन्होंने ऐसा किया. पशुपति पारस ने चिराग पासवान से यह भी सवाल किया कि संविधान में साफ लिखा है कि एक व्यक्ति-एक पद. चिराग पासवान 2013 से पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं, 2019 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, इसके लिए चुनाव नहीं हुआ, नामांकन नहीं हुआ. इसके बाद वो संसदीय दल के नेता बनें. यह भी पढ़े: LJP नेता चिराग पासवान ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी, कहा- पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी का नेता घोषित करने का निर्णय हमारी पार्टी के संविधान के प्रावधान के विपरीत
We wanted to contest the election in alliance with NDA but he (Chirag Paswan) didn't agree to it. This is the reason why LJP is on the verge of an end: Pashupati Kumar Paras, LJP pic.twitter.com/Sqq7knN7Wv
— ANI (@ANI) June 16, 2021
बात दें कि लोक जनशक्ति पार्टी में जिस तरह से घमासान मचा हुआ है. उससे तो यही लग रहा है कि इस लड़ाई में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस हार मानने वाले नहीं है. पार्टी में यह लड़ाई लंबी खीच सकती है यहां तक कि पार्टी को लेकर चाचा और भतीजे की यह लड़ाई कोर्ट भी जा सकती है. क्योंकि चिराग पासवान इस पूरे मामले पर कानूनी सलाह ले रहे हैं कि वे इस लड़ाई में कैसे अपने चाचा को पटखनी देते हुए जीत हासिल करे.