पटना: बिहार (Bihar) की राजनीति के लिए आज (5 जुलाई) का दिन बेहद अहम है. एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) सोमवार को पार्टी के रजत जयंती समारोह का उद्घाटन कर लंबे समय बाद राजनीतिक मंच पर वर्चुअल तरीके से उतरने वाले है. दूसरी ओर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजीपी) के दो धड़े चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान की 'जंग' का अहम भाग आज सड़क पर नजर आएगा. पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के जन्मदिन के बहाने दोनों गुट अपनी ताकत दिखाएंगे. माना जा रहा है कि बीजेपी भी आज की स्थिति को ध्यान में रखकर एलजीपी को लेकर चुप्पी तोड़ेगी. LJP Crisis: तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को दी सलाह, कहा- गोलवलकर के विचारों के खिलाफ लड़ाई में हों शामिल, तभी पिता की विरासत बढ़ेगी आगे
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरजेडी के स्थापना दिवस को भव्य बनाने की तैयारी खुद तेजस्वी यादव की अगुवाई में पूरी की गई है. आज के कार्यक्रम में पार्टी में नई जान फूंकने के लिए पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद दिल्ली से वर्चुअली मौजूद रहेंगे. करीब चार साल के बाद किसी भी राजनीतिक मंच पर लालू की उपस्थिति से आरजेडी के कार्यकर्ताओं में उम्मीद जगी है. आरजेडी के कार्यकर्ता भी लालू की उपस्थिति को लेकर उत्साहित हैं, वहीं पार्टी भी उनकी मौजूदगी को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
लालू के राजनीति में ज्यादा सक्रिय होने की उम्मीद कम
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि पार्टी का 25 वां स्थापना दिवस समारोह खास होगा. हालांकि कोरोना गाइडलाइन के कारण बड़े पैमाने पर कार्यक्रम नहीं किए जा रहे हैं. उन्होंने पिता की मौजूदगी को बेहद अहम बताया है. लालू प्रसाद की पहचान एक ऐसे वक्ता की रही जिसमें लोगों के आकर्षण की क्षमता हो. चारा घोटाला मामले में कोर्ट और जेल के बाद करीब चार साल के बाद लालू प्रसाद जमानत पर बाहर आए हैं.
स्थापना दिवस के जरिए आरजेडी लालू प्रसाद को सक्रिय करने में जुटी है. हालांकि अस्वस्थ होने के कारण लालू के राजनीति में ज्यादा सक्रिय होने की उम्मीद काफी कम है, लेकिन लालू की उपस्थिति से ही महागठबंधन के दलों में भी उत्साह है.
क्या सही होगा तेजस्वी का दावा!
तेजस्वी कुछ दिन पहले ही यह दावा कर चुके हैं दो से तीन महीने में बिहार सरकार जाने वाली है. ऐसे में लालू पर सबकी नजर है. उल्लेखनीय है कि लालू ने जेल में रहते हुए भी सरकार गिराने की कोशिश की थी. लालू के जन्मदिन के मौके पर 11 जून को आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव पूर्व मुख्यमंत्री और सरकार में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी से न केवल मुलाकात की थी बल्कि मांझी ने लालू प्रसाद से फोन पर बात भी की थी. दरअसल, आरजेडी को मालूम है कि बिहार में सरकार की सबसे कमजोर कड़ी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी हैं, जिसके चार-चार विधायक हैं.
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि लालू प्रसाद की पहचान देश के बड़े नेताओं में है. इनका प्रभाव पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा अन्य दल के नेताओं पर भी है. आरजेडी विरोधी दल हालांकि लालू प्रसाद के राजनीतिक सक्रियता का विरोध कर रहा है. बीजेपी के नेता और सांसद सुशील कुमार मोदी कहते हैं, "लालू प्रसाद ने बीजेपी विधायक को तोड़ने और बनने के समय ही एनडीए सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिश तो फोन पर ही की थी. भ्रष्टाचार के मामले में लंबी सजा के कारण वे मुखिया का भी चुनाव नहीं लड़ सकते. जमानत उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर मिली है, राजनीति के लिए नहीं. वे जेल में रहकर या जमानत मिलने पर वर्चुअल माध्यम से यदि राजनितिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो इस पर सीबीआई को संज्ञान लेना चाहिए."
उलट सकता है बिहार की सियासत का समीकरण
बहरहाल, एलजेपी में टूट के बाद बिहार में बदलते सियासी माहौल के बीच लालू प्रसाद स्थापना दिवस कार्यक्रम में किन बातों पर जोर देंगे, इस पर तो लोगों की निगाहें तो रहेंगी ही सबसे अधिक नजर उनके उस सियासी दांव-पेंच पर रहेगी जो बिहार की सियासत का सत्ता समीकरण उलट सकता है.
गौरतलब है कि अपनी ही पार्टी में चुनौतियों का सामना कर रहे लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी के साथ उनके संबंध एकतरफा नहीं रह सकते हैं और यदि उन्हें घेरने का प्रयास जारी रहा तो वह अपने भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे. चिराग पासवान के बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ संबंधों में तनाव के बीच तेजस्वी ने भी दांव चला है और उन्हें विपक्ष के साथ आने का न्योता दिया है. चिराग को अपने पाले में करने के लिए आरजेडी भी रामविलास पासवान की जयंती मना रहा है. (एजेंसी इनपुट के साथ)













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