Bihar Politics: क्या BJP करेगी नीतीश कुमार का गेम? शाहनवाज हुसैन, रविशंकर प्रसाद समेत कई नेता दिल्ली तलब, बिहार के लिए आज का दिन अहम
बिहार में सियासी घमासान के बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शीर्ष नेताओं को स्थिति का आकलन करने और कार्ययोजना तैयार करने के लिए दिल्ली बुलाया है. रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, सतीश चंद्र दुबे जैसे भाजपा नेता दिल्ली के लिए रवाना भी हो चुके हैं.
Bihar Politics: बिहार में सियासी घमासान के बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शीर्ष नेताओं को स्थिति का आकलन करने और कार्ययोजना तैयार करने के लिए दिल्ली बुलाया है. रविशंकर प्रसाद, शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, सतीश चंद्र दुबे जैसे भाजपा नेता दिल्ली के लिए रवाना भी हो चुके हैं. सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, हम और वाम दलों सहित राज्य के अन्य राजनीतिक दलों के मंगलवार को अलग-अलग बैठकें बुलाने के मद्देनजर यह घटनाक्रम देखने को मिला है. बताना चाहेंगे कि जहां बीजेपी के ये नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं. वहीं आज यानी मंगलवार को बिहार में जेडीयू का और आरजेडी का 11 बजे अलग-अलग बैठक होने जा रही है. जिस बैठक में जहां जेडीयू की तरफ से बीजेपी से अलग होने का ऐलान होगा. वहीं आगे की रणनीति पर आरजेडी चर्चा करेगी.
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पुष्टि की है कि उनकी पार्टी ने मंगलवार को बैठक में सभी विधायकों, एमएलसी और सांसदों को उपस्थित रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि आर. सी. पी. सिंह के बाहर निकलने के कारण स्थिति उत्पन्न होने के बाद भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई गई है. यह भी पढ़े: Bihar Politics: BJP बना रही है मास्टरप्लान? कई नेता बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के आवास पर
हालांकि, कारण बहुत मजबूत नहीं लगता है क्योंकि अन्य राजनीतिक दल मंगलवार को पटना में भी यही कवायद कर रहे हैं. हालांकि बीजेपी ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसकी राज्य इकाई के प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा, "हर पार्टी अपने विधायकों की बैठकें करती है और इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है. हमने 31 जुलाई को भी ऐसा ही किया था. वर्तमान में, बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार सुचारू रूप से चल रही है." राज्य जद (यू) अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा, "बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार सुचारू रूप से चल रही है. फिलहाल हमारा भाजपा से कोई मतभेद नहीं है."
हालांकि, यह 2017 की स्थिति के साथ प्रतिध्वनित हो रहा है, जब जद-यू के नेता अंतिम क्षण तक महागठबंधन (राजद और कांग्रेस के साथ) के साथ सब ठीक होने का दावा कर रहे थे. फिर नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने यह भी सिफारिश की थी कि राज्यपाल विधानसभा को भंग कर दें. हालांकि इस बार स्थिति बदल गई है और ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार राज्यपाल को अपने मंत्रिमंडल से विशेष मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश करेंगे.
जद (यू) के एक अंदरूनी सूत्र का मानना है कि उनकी पार्टी और भाजपा के बीच संबंधों में खटास आने के कई कारण हैं. इसका एक कारण भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा का वह बयान है, जिन्होंने 31 जुलाई को कहा था कि वह देश से हर क्षेत्रीय दल का सफाया करना चाहते हैं. उनका निशाना राजद, जद-यू, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे समूह), शिरोमणि अकाली दल, दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी आदि पर था.
ऐसे में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि जद-यू ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने पर विचार कर लिया हो. साथ ही 200 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के 'प्रवास' कार्यक्रम को जद-यू के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है.