बिहार में आसान नहीं बीजेपी की राह, अपने ही छोड़ रहे हैं साथ
राम विलास पासवान बिहार के दलित नेता हैं. उनकी सूबे की दलित समाज पर अच्छी पकड़ हैं. 2014 आम चुनावों में भी बीजेपी को LJP से गठबंधन करने का फायदा हुआ था. आगर पासवान NDA का साथ छोड़ते हैं तो इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता हैं
नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव (2019 Loksabha Elections) का बिगुल बज गया हैं. सभी पार्टियां सियासत के इस महाकुम्ब की तय्यारी में जुट गई हैं. आम चुनावों को लेकर नए समीकरण भी बन रहे हैं. इस बीच बिहार में मुकाबला बेहद दिलचस्प हो रहा हैं. एक ओर जहां बीजेपी को जेडीयू का साथ मिला है तो वहीं रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने NDA से नाता तोड़ लिया हैं. वहीं, सीटों के बंटवारे को लेकर राम विलास पासवान की पार्टी LJP भी आक्रामक हो गई है. रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan)के बेटे चिराग पासवान ने आगामी 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सीटों के बंटवारे पर बीजेपी को एक अल्टीमेटम दिया है जिसके बाद सूबे की सियासत गरमा गई हैं.
चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा, गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है. इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है.
बता दें कि राम विलास पासवान बिहार के दलित नेता हैं. उनकी सूबे की दलित समाज पर अच्छी पकड़ हैं. 2014 आम चुनावों में भी बीजेपी को LJP से गठबंधन करने का फायदा हुआ था. आगर पासवान NDA का साथ छोड़ते हैं तो इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता हैं. हाल ही में संपन्न हुए 3 राज्यों के चुनावों के नतीजों से पहले ही बीजेपी परेशान हैं. ऐसे में दलित समाज की नाराजगी भी उनकी मुसीबत बढ़ा सकती हैं.
वैसे गुरुवार शाम महागठबंधन की एक बैठक होने वाली हैं. इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा के शामिल होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. कुशवाहा OBC समाज के नेता हैं.