कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन (Congress-JDS Alliance) वाली कुमारस्वामी (Kumaraswamy) सरकार से दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद कर्नाटक (Karnataka) में सियासी घमासान तेज हो गया है. दरअसल, बीजेपी पर जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली कर्नाटक की गठबंधन सरकार (Karnataka Government) में फूट डालने का आरोप लग रहा है. ऐसे में बागी विधायकों की पहचान के लिए शुक्रवार दोपहर करीब 3.30 बजे बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल (Congress MLA) की एक बैठक बुलाई गई, लेकिन इस बैठक से 4 विधायक नदारद रहे. विधायक दल की बैठक से इन विधायकों के गायब रहने से कांग्रेस-जेडीएस की चिंता बढ़ गई है.
ऐसे में अब दोनों पार्टियों को हॉर्स ट्रेडिंग का डर सता रहा है, लिहाजा उन्होंने अपने 75 विधायकों को इससे बचाने के लिए बैठक के फौरन बाद उन्हें बेंगलुरु के ईगलटन रिसॉर्ट (Eagleton resort) रवाना कर दिया गया. इस मीटिंग से चार विधायकों के नदारद रहने पर आनन-फानन में पार्टी को अपने विधायकों को रिसॉर्ट भेजने का फैसला लेना पड़ा.
दरअसल, कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायक हैं. इनमें से एक विधायक विधानसभा स्पीकर है, इसलिए उन्हें इस मीटिंग में शिरकत नहीं करना था. जिसके बाद इस बैठक में 79 विधायकों का पहुंचना जरूरी था, लेकिन कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक में केवल 75 विधायक ही पहुंचे, बाकी चार विधायक नदारद रहे. यह भी पढ़ें: कर्नाटक में जारी है सियासी नाटक: निर्दलियों के बाद कांग्रेस के नाराज विधायक भी कर सकते हैं बगावत
गौरतलब है कि कांग्रेस की बैठक में से जो विधायक नदारद रहे उनमें बागी रमेश जर्किहोली, बी. नागेन्द्र, उमेश जाधव और महेश कुमाथहल्ली का नाम शामिल है. हालांकि इस मामले में ही नागेन्द्र नाम के विधायक का कहना है कि वो कोर्ट केस में व्यस्त हैं इसलिए मीटिंग में नहीं पहुंचे. वहीं विधायक उमेश जाधव ने बैठक में न पहुंचने पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सूचित किया है कि उनकी सेहत खराब है और वो यात्रा करने में असमर्थ हैं.