उत्तर प्रदेश: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर फैसला BJP को दे सकता है सियासी बढ़त, विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती
अयोध्या के ढांचा विध्वंस पर विशेष न्यायालय का फैसला बीजेपी को सियासी बढ़त देने के संकेत दे रहा है. इससे पहले राम मंदिर के आए फैसले और अब बाबरी विध्वंस में सभी बड़े नेताओं को बरी होना, आने वाले बिहार चुनाव और एमपी, यूपी में उपचुनाव में बीजेपी के लिए काफी मुफीद हो सकते हैं. यह निर्णय विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती भी खड़ी कर सकते हैं.
लखनऊ , 1 अक्टूबर: अयोध्या के ढांचा विध्वंस पर विशेष न्यायालय का फैसला बीजेपी (BJP) को सियासी बढ़त देने के संकेत दे रहा है. इससे पहले राम मंदिर के आए फैसले और अब बाबरी विध्वंस में सभी बड़े नेताओं को बरी होना, आने वाले बिहार चुनाव और एमपी, यूपी में उपचुनाव में बीजेपी के लिए काफी मुफीद हो सकते हैं. यह निर्णय विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती भी खड़ी कर सकते हैं. फैसले के बाद बीजेपी की जिस तरह से प्रतिक्रिया आयी और उधर कुछ मुस्लिम नेताओं ने फैसले के खिलाफ अपील की बात कही है. इससे साफ नजर आ रहा है कि यह मुद्दा आगे गरमाने वाला है. इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी (Yogi Adityanath) और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कांग्रेस (Congress) को कटघरे में खड़ा किया है.
राजनीतिक पंडितों की मानें तो यह आने वाले चुनावों में निश्चित तौर पर मुद्दा बनेगा. बीजेपी के स्टार प्रचारक इस मुद्दे को लपकने में जरा भी देरी नहीं करेंगे. विरोधी दलों के लिए थोड़ी मुश्किल बढ़ेगी. क्योंकि उनके लिए अदालत से आए इस फैसले पर संघ परिवार और बीजेपी को घेरने में दिक्कत हो सकती है. लेकिन मुस्लिम पक्ष से उठ रही विरोधी आवाज उन्हें जरूर संतत में डाल सकती है. इस मुद्दे को लेकर सियासत गरमाने और आरोप-प्रत्यारोप के दौर को नकारा नहीं जा सकता है. लिहाजा धुव्रीकरण की राजनीति को हवा देने में यह सफ ल हो सकते हैं.
विपक्ष को राम मंदिर निर्माण और बाबरी विध्वंस पर आए निर्णय से चुनौती भी मिलती दिख रही है.
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पी.एन. द्विवेदी कहते हैं कि राम मंदिर और ढांचा विध्वंस के फैसले अदालत से भले आए हों, लेकिन इसका बीजेपी सियासी लाभ लेने का पूरा प्रयास करेगी. क्योंकि उसके लिए यह मुद्दे पूरी राजनीति की धुरी रहे हैं. वैसे भी राम मंदिर निर्माण के आए निर्णय के बाद मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार से अयोध्या पर फोकस किया है. इससे इस बात का अहम संकेत मिलता दिख रहा है.
फैसले के बाद जिस तरह से बीजेपी ने विपक्षी दल खासकर कांग्रेस पर जिस प्रकार से निशाना साधा है. उससे यह साफ दिख रहा है कि बिहार के साथ यूपी और मध्यप्रदेश के उपचुनाव में इसकी गूंज जरूर सुनाई देगी. उत्तर प्रदेश में भले ही सात सीटों पर चुनाव हो रहे हों. लेकिन मध्यप्रदेश और बिहार तक इसकी झलक देखने को मिल सकती है.
उन्होंने बताया कि 11 माह के भीतर देश की सियासत के दो अहम निर्णय कोर्ट से आए हैं. इन्हें लेकर विपक्ष हमेशा बीजेपी पर हावी रहा है. निश्चित तौर से यह निर्णय बीजेपी को राजनीतिक रूप में बढ़त दिलाएगा. मुख्यमंत्री योगी द्वारा अयोध्या, मथुरा, काशी में कराए जा रहे विकास कायरें के दम पर आगे और भी सियासी दांव पेंच देखने को मिलेंगे.