अयोध्या विवाद: सुप्रीम कोर्ट में कल सीलबंद कवर में स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगा मध्यस्थता पैनल

अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में गठित मध्यस्थता पैनल के सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट कल दाखिल करेगा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के रिटायर्ड जज कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली मध्यस्थता कमेटी को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था. लेकिन अब पैनल ये रिपोर्ट गुरुवार को सौंपेगा.

सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली. अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ayodhya Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land title case) मामले में गठित मध्यस्थता पैनल के सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट कल दाखिल करेगा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के रिटायर्ड जज कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली मध्यस्थता कमेटी को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कहा था. लेकिन अब पैनल ये रिपोर्ट गुरुवार को सौंपेगा. रिपोर्ट देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ये तय करेगी कि इस मामले का निपटारा कैसे किया जाए.

बता दें कि रिपोर्ट देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ये तय करेगी कि इस मामले का निपटारा कैसे किया जाए. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई के लिए 2 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है. उस दिन ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी, जिसके बाद अदालत ये फैसला लेगी कि इस मामले का हल मध्यस्थता से निकाला जाएगा या रोजाना की सुनवाई से. यानी जस्टिस कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली मध्यस्थता कमेटी के पास अब कल का वक्त बचा है. उसके बाद गेंद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पाले में चली जाएगी. यह भी पढ़े-अयोध्या राम जन्मभूमि मामला: कोर्ट ने मध्यस्थता प्रक्रिया जारी रखने की दी अनुमति, 1 अगस्त तक मांगी रिपोर्ट

ज्ञात हो कि अयोध्या मामले (Ayodhya Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land title case) का हल ढूंढने के लिए चार महीने पहले जिस मध्यस्थता कमेटी का गठन किया गया था. 31 जुलाई को जब इस कमेटी के अध्यक्ष कलीफुल्ला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपनी फाइनल रिपोर्ट दाखिल करनी थी. तीन सदस्यों वाली इस कमेटी में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू भी शामिल हैं.

इसी साल मार्च में बनाई गई इस कमेटी को रिपोर्ट देने के लिए पहले 8 हफ्तों का वक्त दिया गया था, फिर समय को बढ़ाकर 13 हफ्ते कर दिया गया था.

वहीं कई राजनीतिक दल लगातार राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Issue) को लेकर मोदी सरकार (Modi Govt) पर लगातार दवाब बना रहे हैं. जिसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि, ये मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है. अब गेंद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पाले में है. ऐसे में अब यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट (SC) 2 अगस्त को सुनवाई में क्या फैसला लेती है. वैसे इस फैसले पर पुरे देश की निगाहें टिकी हुई है.

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