पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि विपक्षी पार्टी एक रणनीति के तहत दलित विरोधी बताकर भाजपा को बदनाम कर रही है. वरिष्ठ भाजपा नेता ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल घटकों के बीच किसी प्रकार का मनमुटाव या असंतोष होने की बात से इनकार किया है.
अश्विनी चौबे ने कहा, "केंद्र की मौजूदा सरकार ने दलितों के विकास के लिए जितने कार्य किए हैं, उतने कार्य पहले कभी नहीं हुए थे. मगर, विपक्षी दल मिलकर एक खास रणनीति के तहत दलितों के नाम पर भाजपा को बदनाम कर रही है." उन्होंने यह बात हाल के दिनों में दलितों पर हुए अत्याचार के विषय में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही.
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने जितना दलित विकास का काम पिछले चार सालों में किया है, उतना काम कांग्रेस के 60 साल के शासन में भी नहीं हुआ. नरेंद्र मोदी सरकार की जो भी योजनाएं हैं, उन सभी के केंद्र में दलित सुधार छिपा है चाहे जन धन योजना हो, उज्जवला योजना हो, स्वच्छता अभियान हो, मेक इन इंडिया हो, स्किल डेवलेपमेंट हो या अन्य योजनाएं हों. सभी क्षेत्रों में सरकार दलितों के विकास के लिए काम कर रही है."
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह लोगों को भड़काने के लिए वह ऐसा कह रहा है, जबकि रामविलास पासवान, रामदास आठवले, उदित राज जैसे प्रमुख दलित नेता राजग में शामिल हैं.
चौबे ने कहा, "राजग में कोई विवाद नहीं है. गठबंधन में कई राजनीतिक दल हैं और सबकी अपनी-अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं, उनकी ओर से अधिक सीटों की मांग करना स्वाभाविक है. मगर चुनाव के पूर्व मिल-बैठकर इन सभी बातों को आपस में सुलझा लेंगे."
बक्सर के सांसद और बिहार में स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व संभाल चुके चौबे ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत के दौरान बिहार में जदयू के 'बड़े भाई' की भूमिका में रहने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा, "भाई, भाई होता है, कोई छोटा बड़ा नहीं है. भाई के प्रेम की भावना का गठबंधन ही राजग है."
बेबाक बयानों के लिए चर्चित चौबे ने हाल के दिनों में दलितों पर हुए अत्याचार के विषय में पूछे जाने पर कहा कि आज जो दलितों के नाम पर स्थिति बनाई जा रही है, वह आज की राजनीति की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने जितना दलित विकास का काम पिछले चार सालों में किया है, उतना काम कांग्रेस के 60 साल के शासन में भी नहीं हुआ. नरेंद्र मोदी सरकार की जो भी योजनाएं हैं, उन सभी के केंद्र में दलित सुधार छिपा है चाहे जन धन योजना हो, उज्जवला योजना हो, स्वच्छता अभियान हो, मेक इन इंडिया हो, स्किल डेवलेपमेंट हो या अन्य योजनाएं हों.सभी क्षेत्रों में सरकार दलितों के विकास के लिए काम कर रही है."
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह भड़काने के लिए ऐसा कर रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रमुख दलित नेता रामविलास पासवान, रामदास आठवले, उदित राज जैसे लोग राजग में भाजपा के साथ हैं.
बिहार की राजनीति के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यहां राजग बहुत ऊपर है. बिहार के कई दिग्गज नेताओं को लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव जैसे नए नेताओं के नेतृत्व में काम करने के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव राजनीति के नए 'बउआ' हैं.
बकौल चौबे, "राजद एक पारिवारिक पार्टी है और जैसे राजा का बेटा राजा होता है वही स्थिति है यहां. मुझे नहीं समझ में आता ऐसे नेता बाहर क्या मुंह दिखाएंगे जब उन्होंने तेजस्वी को अपना नेता मान लिया है. इन्हीं लोगों ने राबड़ी देवी को भी अपनी नेता माना था."
उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे लोग भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पीछे के पांत में बैठेंगे. पूरे बिहार की राजनीति के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
चौबे के पुत्र अर्जित शास्वत भागलपुर में दंगा भड़काने के मामले में गिरफ्तार हुए थे. यह चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव चांदी की थाली और सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. बिना कोई सामाजिक, राजनीतिक संघर्ष किए सीधे विधायक और मंत्री बन गए. लालू प्रसाद के जेल जाने के बाद राजद के वारिश भी बन गए.
उन्होंने आगे कहा, "अर्जित की स्थिति अलग है. वह लगातार कई सालों से पार्टी के लिए विभिन्न स्तरों पर काम कर रहा है. विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर काम कर रहा है. जमीनी स्तर पर उसके काम को देखते हुए पार्टी ने उसको टिकट दिया."
उन्होंने सफाई देते हुए कहा, "मैंने कभी भी अर्जित के लिए टिकट की मांग नहीं की और ना ही अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. अर्जित शास्वत चौबे की तुलना आप तेजस्वी यादव से नहीं कर सकते."
हाल ही में पांच देशों- हांगकांग, फिजी, तुवालु, न्यूजीलैंड और सिंगापुर की यात्रा से लौटे चौबे ने यात्रा के विषय में बताया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पांच देशों की यात्रा पर नौ दिनों के लिए गए थे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री वैश्विक स्तर पर ज्यादा मित्र राष्ट्र बनाने के पक्षधर हैं और सभी देशों के साथ एक जैसा संबंध बनाकर रखने के पक्षकार हैं.
उन्होंने कहा कि सिंगापुर की अत्याधुनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को बिहार में लाने पर फैसला हो चुका है. आगामी दो महीनों में पीएमसीएच (पटना), एम्स-पटना और भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एनाटमी की सबसे अत्याधुनिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए सिंगापुर से बात हो गई है. अगले महीने से इस पर काम शुरू होगा.
बिहार भाजपा के अंदर हो रही उठापटक के बारे में पूछे जाने पर चौबे ने कहा कि बिहार भाजपा में कोई उठापटक नहीं है. बिहार भाजपा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पार्टी अध्यक्ष नित्यानंद राय के नेतृत्व में पूरी तरह एकजुट है. सभी नेताओं का सहयोग पार्टी को प्राप्त हो रहा है, कार्यकर्ता पूरी तरह कर्मनिष्ठ होकर कार्य कर रहे हैं और मंत्रीगण अपने दायित्व का निर्वाह कर रहे हैं. सरकार और संगठन दोनों स्तर पर पार्टी अच्छा काम कर रही है।.
उन्होंने दावा किया, "आगामी लोकसभा चुनाव में हम पिछली बार की अपेक्षा और अच्छा प्रदर्शन करेंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में हम फिर से बिहार में सरकार बनाएंगे."