Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित 'जनता की अदालत' जनसभा में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे हैं. केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर देशभर में पार्टियों को तोड़ रहे हैं और सरकारें गिरा रहे हैं, क्या यह सही है? पीएम मोदी ने अपनी पार्टी में सबसे भ्रष्ट नेताओं को शामिल किया है, जिन्हें वह खुद भ्रष्ट कहते हैं, क्या आरएसएस ऐसी राजनीति से सहमत है? बीजेपी का जन्म आरएसएस की कोख से हुआ है. इसलिए बीजेपी को भटकने से बचाना आरएसएस की जिम्मेदारी है. क्या आरएसएस ने कभी पीएम मोदी को गलत काम करने से रोका है?
केजरीवाल ने आगे पूछा, ''जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि उन्हें आरएसएस की जरूरत नहीं है. क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वह मूल संगठन के प्रति नाराजगी दिखा रहा है?"
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आप सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी ने कानून बनाया है कि वे अपनी पार्टी के 75 साल के नेताओं को रिटायर कर देंगे, लेकिन अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा. मैं पूछता हूं कि जो आडवाणी पर लागू होता है, वह मोदी पर क्यों लागू नहीं होगा? पूर्व सीएम ने कहा कि वह सत्ता या पद के लालच में नहीं बल्कि देश की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं. उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दिया और कहा कि पिछले 10 सालों में उन्होंने सिर्फ सम्मान कमाया है, पैसा नहीं. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव उनके लिए अग्नि परीक्षा है. अगर उन्हें लगता है कि वह बेईमान हैं तो उन्हें वोट न दें. वह नवरात्रि के दौरान "श्राद्ध" अवधि के बाद मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास से बाहर चले जाएंगे. वे उन लोगों के बीच रहेंगे, जो उन्हें आवास की पेशकश कर रहे हैं.
बता दें, दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल पिछले हफ्ते तिहाड़ जेल से रिहा हुए थे. उनके खिलाफ सीबीआई ने भ्रष्टाचार का मामले दर्ज किया है.