तिरुवनंतपुरम, 25 सितम्बर: केरल (Kerala) में कांग्रेस (Congress) पार्टी के नए नेतृत्व के लिए एक नई मुसीबत सामने आई है. शनिवार को यह खबर सामने आई कि प्रमुख नेता वी.एम.सुधीरन (VM Sudheeran) ने पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से इस्तीफा दे दिया है. पीएसी पार्टी की राज्य इकाई का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है और इसमें सभी शीर्ष अधिकारी शामिल हैं. 73 वर्षीय नेता ने नए प्रदेश अध्यक्ष के. सुधाकरन को अपना इस्तीफा दे दिया. उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक, सुधीरन के पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, विधायक, लोकसभा सदस्य, मंत्री और पूर्व विधायक होने के बावजूद सुधाकरन और विपक्ष के नेता वी.डी.साथीसन का नया नेतृत्व उन्हें विश्वास में नहीं ले रहा है. यह भी पढ़े:कैप्टन और भाजपा का प्रेम :कैप्टन के सहारे सिद्धू और गांधी परिवार को घेरने का भाजपा को मिला मौका
सुधीरन ने पीएसी ऐसे समय छोड़ा है, जब जब केरल के प्रभारी एआईसीसी महासचिव तारिक अनवर पार्टी के 51 सदस्यीय संगठनात्मक ढांचे को अंतिम रूप देने के लिए राज्य की राजधानी पहुंच रहे हैं. हाल के दिनों में कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई को लगातार करारा झटका लगा है. पिछले हफ्ते, राज्य के दो शीर्ष महासचिवों के.पी.अनिल कुमार और राठी कुमार ने पार्टी छोड़ दी और माकपा में शामिल हो गए. नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया आलोचक ने कहा, "कई कांग्रेसियों को याद होगा कि 2014 में सुधीरन के राज्य पार्टी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद क्या हुआ जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी की सरकार की नीतियों, विशेष रूप से शराब नीति के खिलाफ खुला रुख अपनाया था. 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को पूरी तरह से हार का सामना करना पड़ा. "
"कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई उस हार के बाद से उबर नहीं पाई है और इसलिए, उनके पार्टी छोड़ने से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा. "कांग्रेस पार्टी की केरल इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पीटी थॉमस ने भी एक वरिष्ठ विधायक ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चीजें सुलझ जाएंगी। थॉमस ने कहा, "सुधाकरन ने सुधीरन से मुलाकात की और उनके साथ चर्चा की थी. हमें यकीन है कि पार्टी का नेतृत्व मुद्दों को सुलझाएगा और सुचारू रूप से आगे बढ़ेगा. "