अमरावती लोकसभा सीट 2019 के चुनाव परिणाम: शिवसेना के आनंदराव अड़सुल आगे

अमरावती लोकसभा सीट से इस बार शिवसेना ने मौजूदा सांसद आनंदराव अड़सुल को पार्टी एक बार फिर से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है. जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस-एनसीपी महागठबंधन में शामिल अमरावती की युवा स्वाभिमान पार्टी के अध्यक्ष रवि राणा की पत्नी नवनीत कौर राणा से होने वाला है.

अमरावती लोकसभा सीट (Photo Credits: File Photo)

लोकसभा चुनाव 2019  जो 7 चरणों में हुए वो रविवार 19 मई को संपन्न हो गए हैं.  आज रिजल्ट का दिन है और शुरुआती रुझान भी आने शुरू हो गए हैं. इसी कड़ी में महाराष्ट्र  के विदर्भ क्षेत्र की अमरावती  सीट  के रुझान भी आ रहे हैं.  अमरावती में शिवसेना के आनंदराव अड़सुल (Anandrao Adsul) और  नवनीत कौर राणा (Navneet Kaur Rana) के बीच मुख्य मुकाबला हैं. बता दें कि लोकसभा चुनावों के लिहाज से महाराष्ट्र एक अहम राज्य हैं जिसमें 48 लोकसभा सीट है. महाराष्ट्र में शुरुआत के 4 चरणों में लोकसभा चुनाव हुए थे. रविवार 19 मई को आये ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन से आगे रहने का अनुमान लगाया गया है.

बता दें कि अमरावती लोकसभा सीट पर पिछले 25 सालों से शिवसेना जीतती आ रही है. इस बार भी शिवसेना (Shivsena) 2014 का इतिहास दोहराने के लिए अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी (BJP) से जुबानी जंग लड़ने के बाद एक बार मिलकर चुनाव लड़ रही है. गठबंधन के तहत महाराष्ट्र के 48 लोकसभा सीटों में बीजेपी 25 तो शिवसेना 23 सीट पर चुनाव लड़ रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 सीट तो वहीं शिवसेना 22 सीट पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें बीजेपी 23 सीट तो वहीं शिवसेना 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. यह भी पढ़े: वर्धा लोकसभा सीट: जानें 2019 के उम्मीदवार, मौजूदा सांसद, मतदान की तारीख और चुनाव परिणाम

2014 में किस  उम्मीदवार को कितने मिले थे वोट

शिवसेना- आनंदराव अड़सुल – 4,67,212

एनसीपी - नवनीत कौर राणा - 3,29,280

बीएसपी- गुणवंत देवपारे - 98,200

अमरावती लोकसभा का इतिहास

देश को आजादी मिलने के बाद 1951 में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार चुनाव जीतकर कांग्रेस के उम्मीदवार पंजाबराव देशमुख संसद भवन पहुंचे थे. जिसके बाद से ही यह सीट कांग्रेस की गढ़ कही जाने लगी और इस सीट से 1984 तक कांग्रेस का ही उम्मीदवार चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचता रहा है. लेकिन यह सीट कांग्रेस के हाथ से 1989 से निकल गई. हालांकि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल इस सीट से 1991 में चुनाव जीतने में कामयाब हुई. लेकिन 1996 से यह सीट कांग्रेस के पास फिर से वापस नहीं आई. जिसे बाद से लगातार शिवसेना इस सीट से जीत हासिल करती आ रही है. यह भी पढ़े: पीलीभीत लोकसभा सीट: यहां लहरता है बीजेपी का परचम, जानें सीट का पूरा इतिहास और सियासी समीकरण

कुल 6 विधानसभा सीट

अमरावती लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें बड़नेरा, अमरावती, तिवसा, दर्यापुर, मेलघाट, अचलपुर शामिल हैं. अमरावती, दर्यापुर, मेलघाट विधानसभा सीट बीजेपी के पास है तो वहीं तिवसा सीट पर कांग्रेस का दबदबा है. बड़नेरा और अचलपुर सीट निर्दलीय के पास हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र में चार चरण में डाले जाने वाले वोट में पहले चरण में 11 अप्रैल को वोट डालें जाने के बाद दूसरे चरण में 18 अप्रैल, 23, चौथे चरण में 29 अप्रैल को वोट डालें जाएंगे. वहीं, दूसरे अन्य राज्य में 6, 12, 19 मई कोवोट डालें जाने के बाद वोटों की गिनती 23 मई को की जाएगी. ऐसे में देखने वाली बात हो कि हम जिस अमरावती लोकसभा सीट की बात कर रहें है. इस सीट से शिवसेना उम्मीदवार आनंदराव अड़सुल हैट्रिक मारने में कामयाब होते है. या जनता किसी और को चुनाव जीताना पसंद करेगी.

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