DNA वाले बयान पर घिरे RSS प्रमुख मोहन भागवत, दिग्विजय सिंह- मायावती के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा सवाल- कही ये बात
संघ प्रमुख मोहन भागवत व असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits PTI)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है और मुसलमानों को ‘‘डर के इस चक्र में’’ नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है. उन्होंने कहा कि लोगों में इस आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता कि उनका पूजा करने का तरीका क्या है. भागवत के इस बयान को लेकर राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, बीएमसी प्रमुख मायावती समेत अन्य नेताओं के बाद भागवत के इस बयान को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने उन्हें घेरते  हुए सवाल किया है.

एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से सवाल करते हुए कहा कि हिंदुत्व एकता की बात नहीं करता. लेकिन भारत का संविधान एकता की बात करता है, इसमें समावेश है. वहीं आगे ओवैसी ने कहा कि हिंदुत्व एक विशिष्ट विचारधारा है. जिसका पालन संघ और मोहन भागवत कर रहे हैं. ऐसे में फिर एकता कैसे हो सकती है? यह भी पढ़े: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, सभी भारतीयों का DNA एक, इस्लाम खतरे में होने के भय चक्र में न फंसें मुसलमान

ओवैसी से पहले भागवत के इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा है मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल कार्यकतार्ओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी, शाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे? यदि यह विचार मोहन भागवत जी आप अपने शिश्यों को पालन करने के लिए बाध्य कर देंगे, तो मैं आपका प्रशंसक हो जाऊगा.

वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने मोहन भागवत के बयान पर कहा कि उनका यह बयान 'मुंह में राम बगल में छूरी' जैसा है. आरएसएस और बीजेपी एंड कंपनी के लोगों तथा इनकी सरकारों की कथनी व करनी में अंतर सभी देख रहे हैं.इन लोगों के मुंह में राम बगल में छुरी जैसा होता है. उन्होंने धर्म परिवर्तन के कानून का विरोध करते हुए कहा, "किसी का भी जबरन धर्म परिवर्तन करना गलत है, ऐसे मामलों की जांच होनी चाहिए. उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. (इनपुट एजेंसी के साथ)