एजीएल भूमि आवंटन मामले में सीबीआई दस्तावेज मुहैया कराने में विफल, 12 जुलाई को फिर होगी सुनवाई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) शुक्रवार को हरियाणा के पंचकुला में एजेंसी की एक विशेष अदालत के समक्ष नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) को दोबारा भूमि आवंटन से जुड़े मामले में पर्याप्त दस्तावेज दाखिल करने में विफल रही
चंडीगढ़ : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) शुक्रवार को हरियाणा के पंचकुला में एजेंसी की एक विशेष अदालत के समक्ष नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) को दोबारा भूमि आवंटन से जुड़े मामले में पर्याप्त दस्तावेज दाखिल करने में विफल रही. अदालत ने जिसके बाद मामले की सुनवाई 12 जुलाई को तय की है.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda ) और मोती लाल वोरा मामले में आरोपी हैं. बचाव पक्ष के वकील एस.पी.एस. परमार ने यहां पत्रकारों से कहा, "हमारे द्वारा मांगे गए पर्याप्त दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए इसलिए अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को मुकर्रर कर दी."
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अभियोजन पक्ष ने दस्तावेजों की जांच करने और उसे 12 जुलाई तक दाखिल करने के लिए समय की मांग की. उन्होंने कहा कि दस्तावेज दाखिल करने के बाद ही मामले में बहस शुरू हो सकती है.
मामले में मुख्य आरोपी हुड्डा अदालत में मौजूद थे जबकि वोरा ने मेडिकल आधार पर निजी रूप से पेश नहीं हुए. सीबीआई ने 1 दिसंबर 2018 को आरोपपत्र में कहा था कि हुड्डा ने वोरा के साथ मिलकर अपने आधिकारिक ओहदे का फायदा उठाया और एजीएल को पुराने दाम पर पंचकुला में संस्थानिक भूमि को दोबारा आवंटित कर दिया. इससे निजी कंपनी को गलत तरीके से 67.65 लाख का फायदा हुआ और सरकारी खजाने को हानि हुई.