GST काउंसिल: कॉरपोरेट कर में कटौती, बाजार में पूंजी प्रवाह के लिए उठाए कई कदम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits-ANI Twitter)

देश की अर्थव्यवस्था को सुस्ती के दौर से उबारने के लिए सरकार ने शुक्रवार को कतिपय कर प्रोत्साहनों की घोषणा की. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर घटाकर 22 फीसदी करने का एलान किया, बशर्ते ये कंपनियां किसी प्रकार की छूट व प्रोत्साहन प्राप्त नहीं करेंगी. साथ ही, इन कंपनियों को किसी प्रकार का न्यूनतम वकल्पिक कर (एमएटी) का भी भुगतान नहीं करने की आवश्यकता होगी. इस मामले में लागू कर की दर 25.17 फीसदी होगी, जिसमें सेस (उपकर) और सरचार्ज शामिल हैं.

वित्तमंत्री ने विनिर्माण के क्षेत्र में नया निवेश करने वाली नई घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर घटाकर 15 फीसदी करने की घोषणा की. इन कंपनियों को मार्च 2023 को या उससे पहले उत्पादन आरंभ करना होगा और उन्हें एमएटी से भी राहत मिलेगी. सीतारमण ने कहा कि आयकर कानून व वित्त अधिनियम 2019 में परिवर्तन को प्रभावी बनाने के लिए कराधान कानून (संशोधन) अध्यादेश 2019 को पहले ही लागू कर दिया गया है.

जो कंपनियां रियायती दर का विकल्प नहीं चुनेगी उन पर कॉरपोरेट कर की मौजूदा दर लागू होगी. कर छूट की अवधि समाप्त होने पर ऐसी कंपनियां रियायत कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकती हैं. लेकिन एक बार विकल्प चुनने के बाद इसकी वापसी नहीं होगी. रियायत और कर प्रोत्साहन का लाभ लेने वाली कंपनियों को राहत प्रदान करते हुए एमएटी को 18.5 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है. यह भी पढ़ें- GST काउंसिल: एरिएटेड पेय पदार्थों पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा

पूंजी बाजार में धन का प्रवाह सुनिश्चित करने के मकसद से एक अन्य फैसला लिया गया है जिसके तहत वित्त अधिनियम 2019 में प्रदत्त सरचार्ज वृद्धि कंपनी में इक्विटी शेयरों या इक्विटी केंद्रित बिजनेस ट्रस्ट की यूनिट की बिक्री से प्राप्त पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेंस) के लिए लागू नहीं होगी. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के डेरिवेटिव्स समेत किसी प्रतिभूति की बिकवाली से प्राप्त पूंजीगत लाभ पर भी सरचार्ज वृद्धि लागू नहीं होगी.

सरकार ने इन्फोसिस जैसी कंपनियों को भी राहत प्रदान की है जिसने बजट में नया बायबैक कर लागू किए जाने से पहले शेयर बायबैक योजना की घोषणा की थी. सीतारमण ने कहा कि सूचीबद्ध कोई भी कंपनी जिसने पांच जुलाई 2019 से पहले बायबैक की सार्वजनिक घोषणा की है उसे कर का भुगतान नहीं करना होगा.

सरकार ने दो फीसदी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड का दायरा बढ़ाने का भी फैसला लिया है. कंपनियों को यह फंड चिन्हित कार्यकलापों के लिए प्रदान करना होता है. लेकिन यह राशि अब केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसी या केंद्र व राज्य सरकारों की पीएसयू कंपनियों द्वारा वित्तपोषित इन्क्यूबेटर पर भी किया जा सकता है. सीएसआर की राशि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और अन्य स्वायत्त निकायों के अनुसंधान व विकास कार्यक्रमों के लिए भी किया जा सकता है. यह भी पढ़ें- GST काउंसिल: सस्ते होंगे होटल रूम, कैफीन ड्रिंक्स पर टैक्स बढ़ा, जानिए किन चीजों पर घटा-बढ़ा टैक्स

सीतारमण ने कहा कि कॉरपोरेट कर में कटौती की घोषणा से सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये के कुल राजस्व की कमी होगी. यह बदलाव इसी वित्त वर्ष से लागू होगा इसलिए छह महीने की अवधि के दौरान संतुलन बनाना होगा. उन्होंने कहा कि इससे राजस्व में होने वाली कमी से खजाने पर अतिरिक्त दबाव नहीं आएगा या घाटे पर कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा क्योंकि इससे निवेश और मेक इन इंडिया परियोजना को प्रोत्साहन मिलेगा, जिसके फलस्वरूप आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

इससे पहले, वित्तमंत्री ने गुरुवार को कई घोषणाएं करते हुए कहा कि सरकारी बैंकों से कहा गया कि वे संकटग्रस्त एमएसएमई के किसी भी कर्ज को मार्च 2020 तक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति(एनपीए) घोषित न करें.