उत्तर प्रदेश (UP)सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के बाबर की औलाद (Babar ki aulaad) वाले भाषण पर इलेक्शन कमिशन (EC) ने भेजा है. उनके इस बयान के बाद सियासी गहमागहमी तेज हो गई है. समाचार एजेंसी एएनआई पर अपना पक्ष रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनावी मंच विरोधियों पर निशाना साधने के लिए ही होता है, ना कि भजन गाने के लिए. सीएम योगी ने 19 अप्रैल को संभल में अपने संबोधन के दौरान 'बाबर की औलाद' शब्द का इस्तेमाल किया था.
सीएम योगी आदित्यनाथ हमारा काम जनता के सामने विपक्ष की कमजोरियों को उजागर करना होता है. योगी ने कहा कि अगर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (SP) के नेता अपने चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा करते हैं तो इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता? लेकिन हमने कुछ कहा तो गलत हो जाते हैं. सीएम योगी 19 अप्रैल को संभल पहुंचे थे. यहां पर जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के उम्मीदवार को 'बाबर की औलाद' कहकर संबोधित किया था.
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#WATCH UP CM Yogi Adityanath on EC notice to him over his 'Babar ki aulaad' comment': Aapsi baatcheet ko kahin quote karna achar sanhita mein nahi aata hai... Koi bhajan karne ke liye jaata hai kya manch pe? Ukhad dene ke liye aur apne virodhi ko gherne ke liye manch pe jate hain pic.twitter.com/QmgehIzWkN
— ANI UP (@ANINewsUP) May 3, 2019
गौरतलब हो कि सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने 19 अप्रैल को संभल में प्रचार करते हुए कहा था, 'जब मैं सांसद था तो मैंने एक बार एसपी (Samajwadi Party) के उम्मीदवार जो खुद सांसद थे, उनसे उनके पूर्वजों के बारे में पूछा. उन्होंने कहा कि हम बाबर के उत्तराधिकारी हैं. मैं हैरान था. एक तरफ, एक ऐसी पार्टी का उम्मीदवार है जो बाबा भीमराव आंबेडकर और गौतम बुद्ध से जुड़े स्थानों का विकास करता है. दूसरी तरफ विपक्ष का ऐसा उम्मीदवार है जो खुद को बाबर की औलाद कहता है. जो व्यक्ति वंदे मातरम नहीं गाना चाहता, जो बाबा साहब को माला पहनाने में असुविधा महसूस करता है वह आपके वोट के काबिल नहीं है.