राजनीतिक दलों के लिए 2019 है बहुत अहम, लोकसभा चुनाव के अलावा इन 7 राज्यों में होगी सत्ता के लिए कड़ी टक्कर

अगले साल केंद्र और सात राज्यों में नई सरकार का चुनाव होने वाला है. दरअसल संविधान ने लोकतंत्र की चाभी वोट के माध्यम से देश की आम जनता को प्रदान कर रखी है. हर पाच साल बाद लोग जनप्रतिनिधियों के कार्यो का हिसाब लगाकर उसका नतीजा वोट के माध्यम से बताती है.

पीएम मोदी और राहुल गांधी (File Image)

नई दिल्ली: अगले साल केंद्र और सात राज्यों में नई सरकार का चुनाव होने वाला है. दरअसल संविधान ने लोकतंत्र की चाभी वोट के माध्यम से देश की आम जनता को प्रदान कर रखी है. हर पाच साल बाद लोग जनप्रतिनिधियों के कार्यो का हिसाब लगाकर उसका नतीजा वोट के माध्यम से बताती है. यहीं वजह है की सभी राजनीतिक दल और नेता 2019 में होनेवाले चुनावों को ध्यान में रखकर विशेष रणनीति के अनुसार काम कर रहे है.

चुनाव आयोग द्वारा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को विधानसभा चुनाव के साथ ही करवा सकता है. बीजेपी एक देश एक चुनाव के पक्ष में है. यहीं नहीं पीएम मोदी ने भी इसके लिए अपनी हामी भारी है. जबकि प्रमुख विपक्षी दल यह कहते हुए विरोध कर रहे है कि इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत पड़ेगी, लेकिन बीजेपी का कहना है कि इसके लिए संविधान में किसी भी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है. दरअसल अगर ऐसा हुआ तो देश के करोड़ों रुपए बच सकते है.

आपको बता दें कि अगले वर्ष अप्रैल या मई महीने में लोकसभा चुनाव हो सकते है. लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्यों को एकल-सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्रों से मतदान द्वारा चुना जाएगा, जबकि देश के राष्ट्रपति एक अतिरिक्त दो सदस्यों को नामांकित करेंगे.

लोकसभा चुनावों के बाद ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा और सिक्किम में नई सरकार की गठन के लिए विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा भंग करने के कारण यहां चुनाव जल्दी हो रहे है.

Share Now

\