Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में उठाए 10 खास मुद्दे, चीन का नाम लिए बगैर दी चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के दौरान दस प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने लद्दाख में सीमा विवाद पर चीन को चेतावनी देने से लेकर देश और समाज की कई प्रेरक कहानियों पर भी चर्चा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों को भी इस कोरोना काल में कुछ नया करने का सुझाव दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी का भी जिक्र किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credit: ANI/File)

नई दिल्ली, 28 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को 'मन की बात' के दौरान दस प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने लद्दाख में सीमा विवाद पर चीन को चेतावनी देने से लेकर देश और समाज की कई प्रेरक कहानियों पर भी चर्चा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों को भी इस कोरोना काल में कुछ नया करने का सुझाव दिया. जानिए प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की दस प्रमुख बातें.

मन की बात कार्यक्रम के 66वें एपिसोड को सबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है. भारत मित्रता निभाना जानता है तोए आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है.

1. चीन को चेतावनी

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के प्लेटफॉर्म से चीन का नाम लिए बगैर उसे चेतावनी दी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है. भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ओर देश कोरोना महामारी की समस्या से जूझ रहा है. वहीं पड़ोसियों की चालबाजियों ने दोहरी चुनौती खड़ी कर दी है.

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2. पारंपरिक खेलों को आगे बढ़ाएं- बच्चे इंटरव्यू करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पारंपरिक खेलों की विरासत को आगे बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमारे देश में पारम्परिक खेलों की बहुत समृद्ध विरासत रही है. कहा जाता है कि ये खेल दक्षिण भारत से दक्षिण पूर्व एशिया और फिर दुनिया में फैले हैं." पीएम मोदी ने कहा कि लूडो, सांप-सीढ़ी, गुट्टा जैसे भारतीय पारम्परिक खेलों को हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को ट्रांसफर नहीं करेंगे तो फिर कौन करेगा. पीएम मोदी ने बच्चे को मोबाइल से अपने बड़ों, दादा-दादी का पत्रकारों की तरह इंटरव्यू करने का सुझाव दिया.

3. बाराबंकी का उदाहरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने बाराबंकी के प्रवासी मजदूरों की सराहना की. कहा कि यूपी के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया. नदी का उद्धार होता देख आस-पास के किसान, आस-पास के लोग भी उत्साहित हैं.

4. अरुणाचल की सक्सेस स्टोरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश की एक ऐसी ही प्रेरक कहानी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "मुझे मीडिया से पता चला कि सियांग जिले के मिरेम गांव ने वो अनोखा कार्य कर दिखाया जो समूचे भारत के लिए एक मिसाल बन गया है, इस गांव के कई लोग, बाहर रहकर नौकरी करते हैं. गांव वालों ने देखा कि कोरोना महामारी के समय ये सभी, अपने गांव की ओर लौट रहे हैं. ऐसे में गांव वालों ने पहले से ही गांव के बाहर क्वारंटीन का इंतजाम करने का फैसला किया."

5. अनलॉक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनलॉक के दौर में बहुत सी ऐसी चीजें भी अनलॉक हो रही हैं, जिनमें भारत दशकों से बंधा हुआ था. वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था. कॉमर्शियल ऑक्शन को मंजूरी देने के एक निर्णय ने स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है.

6. दो बातों का रखें ध्यान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है. अब हम अनलॉक के दौर में हैं. अनलॉक के इस समय में दो बातों पर बहुत फोकस करना है- कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना, उसे ताकत देना.

7. भारत का संकल्प और लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का संकल्प, भारत के स्वाभिमान और संप्रभुता की रक्षा है. वहीं आत्मनिर्भर भारत ही देश का लक्ष्य है. भारत की परंपरा है भरोसा, मित्रता. भारत का भाव है बंधुता. हम इन्हीं आदशरें के साथ आगे बढ़ते रहेंगे.

8. लोकल के लिए वोकल

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी मिशन जनभागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है. इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है. आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे. ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है.

9. शहीद के पिता का जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "शहीद कुंदन के पिताजी के शब्द तो कानों में गूंज रहे हैं. वो कह रहे थे अपने पोतों को भी देश की रक्षा के लिए सेना में भेजूंगा. यही हौेसला हर शहीद के परिवार का है. वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है."

10. संकटों से भारत और भव्य हुआ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सैकड़ों वर्षो तक अलग-अलग आक्रांताओं ने भारत पर हमला किया, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, लेकिन इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया.

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