PM मोदी ने 2024 से आगे BJP की सफलता के लिए 'सोशल इंजीनियरिंग' का दिया मंत्र, कहा- सभी समुदाय को एक साथ लाएं
जहां सभी राजनीतिक दल 2024 के लोकसभा चुनाव पर लक्ष्य बना रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी 2029 के बाद भी सफलता की तलाश में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में न केवल 2024, बल्कि 2029 के बाद भी पार्टी को सफलता मिलते रहने का मंत्र दिया
नई दिल्ली, 22 जनवरी: जहां सभी राजनीतिक दल 2024 के लोकसभा चुनाव पर लक्ष्य बना रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी 2029 के बाद भी सफलता की तलाश में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस सप्ताह की शुरुआत में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में न केवल 2024, बल्कि 2029 के बाद भी पार्टी को सफलता मिलते रहने का मंत्र दिया. भाजपा चुनावी मोड में है और विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनावों के लिए भी कमर कस चुकी है, जबकि इसके कार्यकारी सदस्य आगामी चुनावों पर पीएम मोदी के अधिक बोलने का इंतजार कर रहे थे. पीएम ने 2024 पर ज्यादा बात न करके उन्हें चौंका दिया, बल्कि उन्होंने 2029 से आगे भाजपा की सफलता के लिए भी सलाह दी.
सूत्रों के अनुसार, "उनका संदेश लोगों को एक साथ लाने के बारे में अधिक था - जैसे मुसलमानों और उन समुदायों तक पहुंचना, जिन्होंने भगवा पार्टी को वोट नहीं दिया है।" उन्होंने कहा कि काशी-तमिल संगमम जैसे उत्सवों का आयोजन - भारत को सही अर्थो में एकजुट करने के लिए है. प्रधानमंत्री ने काशी-तमिल संगमम जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि काशी और तमिलनाडु के लोगों के बीच अपने सांस्कृतिक संबंधों और धार्मिक जुड़ाव का जश्न मनाने के लिए एकता हासिल करने में मदद की. यह भी पढ़े: राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी की नसीहत- अति आत्मविश्वास से बचें और एकजुट होकर करें काम
यह अंतत: लोगों को भाषा विभाजन को दूर करने में मदद कर सकता है, जो इतना मजबूत रहा है, और उत्तर-दक्षिण विभाजन जो दक्षिणी राज्यों में राजनीति का एक चरित्र बन गया है. पीएम मोदी ने अन्य राज्यों में इस तरह के और आयोजन करने पर जोर दिया, ताकि भाषा, जाति, धर्म, संस्कृति और परंपरा की बाधाओं से परे देश में और अधिक सद्भाव हो सके.
तेलंगाना में हुई पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं से कहा था कि वे सोशल इंजीनियरिंग में शामिल हों और अन्य समुदायों में उप-जातियों या पिछड़ों तक पहुंचें। ये वे लोग हैं जो किसी भी मुद्दे पर पार्टी से नाराज होने पर या जब एक निश्चित समुदाय पार्टी से नाराज हो जाते हैं तो इससे फर्क पड़ता है. साल 2024 में मोदी के तीसरे कार्यकाल की मांग के साथ, भाजपा को पसमांदा और बोहरा मुसलमानों जैसे समुदायों के विस्तार का काम सौंपा गया है.
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से सभी समुदायों के लोगों को जोड़कर पार्टी की जड़ों का विस्तार करने का स्पष्ट संदेश सामने आया है, भले ही वे भाजपा के मतदाता न हों। साथ ही 2029 और उससे आगे का विजन देते हुए पीएम मोदी ने भाजपा के पक्ष में लोकसभा चुनाव 2024 का नतीजा दिया है.
पार्टी को लगता है कि 2029 तक उसे देश में क्षेत्रीय, जाति और भाषाई विभाजन को समाप्त करने की जरूरत है. यहां तक कि क्षेत्रीय दल भी भाजपा के भारत के सपने में बाधा नहीं बनेंगे. आधार मजबूत होने के बाद पार्टी आसानी से उन वैचारिक एजेंडे को लागू करने में सक्षम होगी, जो इसकी स्थापना के बाद से इसकी सूची में रहे हैं.
भारत को सही अर्थो में एक करने का दृष्टिकोण वही है जो पीएम ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा सदस्यों को दिखाया, जो आगामी राज्य चुनावों, लोकसभा चुनाव 2024 और जी20 शिखर सम्मेलन के दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण बैठक थी.