Petrol and Diesel Price: पेट्रोल, डीजल के दाम स्थिर, 46 सप्ताह की उंचाई से फिसला कच्चा तेल

देश में पेट्रोल और डीजल के दाम में सोमवार को लगातार चौथे दिन स्थिरता बनी रही जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव करीब 46 सप्ताह की उंचाई से फिसल गया.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

मुंबई, 11 जनवरी : देश में पेट्रोल (petrol) और डीजल (diesel) के दाम में सोमवार को लगातार चौथे दिन स्थिरता बनी रही जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार (International market) में कच्चे तेल का भाव करीब 46 सप्ताह की उंचाई से फिसल गया. कोरोना के गहराते कहर के चलते तेल की मांग पर असर पड़ने की आशंकाओं से कीमतों पर दबाव आया है. बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमतें सोमवार को क्रमश: 84.20 रुपये, 85.68 रुपये, 90.83 रुपये और 86.96 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई हैं. इससे पहले चार अक्टूबर 2018 को चारों महानगरों में पेट्रोल का भाव रिकॉर्ड उंचे स्तर क्रमश: 84 रुपये, 85.80 रुपये, 91.34 रुपये और 87.33 रुपये प्रति लीटर तक चला गया था.

डीजल की कीमतें भी लगातार चौथे दिन दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 74.38 रुपये, 77.97 रुपये, 81.07 रुपये और 79.72 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई हैं. अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (ICE) पर ब्रेंट क्रूड के मार्च डिलीवरी अनुबंध में बीते सत्र से 1.07 फीसदी की गिरावट के साथ 55.39 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 55.20 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा. पिछले सप्ताह बेंट्र का भाव 56.36 डॉलर प्रति बैरल तक उछला था जोकि पिछले साल फरवरी के बाद का सबसे उंचा स्तर है. यह भी पढ़ें : Petrol and Diesel Price Today: पेट्रोल 84 और डीजल 81 रुपये प्रति लीटर हुआ महंगा, जानें अपने प्रमुख शहरों के दाम

वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (Nimax) पर वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) के फरवरी अनुबंध में बीते सत्र से 0.73 फीसदी की गिरावट के साथ 51.86 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ जबकि इससे पहले भाव 51.70 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा. जानकार बताते हैं कि दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामले के कारण लगाए गए प्रतिबंध खासतौर से चीन और यूरोप में लगाए गए लॉकडाउन के सख्त उपायों को लेकर तेल की मांग पर असर पड़ने की आशंका से बीते करीब साढ़े 10 महीने की तेजी पर ब्रेक लग गया है.

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