
नई दिल्ली: भारत सरकार ने 7 अप्रैल को एक अहम आर्थिक फैसला लेते हुए पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. यह नया नियम 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा. अब पेट्रोल पर एक्स्ट्रा ड्यूटी 11 रुपये से बढ़कर 13 रुपये और डीजल पर 8 रुपये से बढ़कर 10 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
इस फैसले के बाद आम जनता में यह सवाल उठने लगा कि क्या अब पेट्रोल-डीजल के दाम फिर से बढ़ेंगे? लेकिन पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्थिति साफ करते हुए कहा है कि इस बढ़ोतरी का सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा. यानी, रिटेल प्राइस में कोई बदलाव नहीं होगा.
बढ़ोतरी का कारण
पुरी ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को सब्सिडी वाली गैस के चलते 43,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसे में सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर इस घाटे को संतुलित करने का रास्ता निकाला है, ताकि उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके और कंपनियों का वित्तीय संतुलन भी बना रहे.
अंतरराष्ट्रीय बाजार और ट्रंप की टैरिफ नीति का भी असर
गौरतलब है कि बीते कुछ समय से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटकर 60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी हैं. इसके अलावा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण भी वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता बनी हुई है. इन सबको देखते हुए सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए यह रणनीतिक कदम उठाया है.