बिहार: पत्नी नहीं थी मॉडर्न, इसलिए पति ने दिया तीन तलाक, पीड़िता ने की राज्य महिला आयोग से शिकायत

बिहार के पटना में एक महिला को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तीन तलाक दे दिया क्योंकि वह मॉडर्न नहीं थी. महिला ने पति पर छोटे कपड़े पहनने, शराब पीने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. तीन तलाक दिए जाने के बाद पीड़िता ने राज्य महिला आयोग से शिकायत की है, जिसके बाद उसके पति को नोटिस भेजा गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit-PTI)

मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) के हित के लिए देश में तीन तलाक पर कानून (Triple Talaq) बनाया गया है, बावजूद इसके तीन तलाक के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी ही देखी जा रही है. ताजा मामला बिहार (Bihar) के पटना (Patna) का है, जहां एक महिला को उसके पति ने सिर्फ इसलिए तीन तलाक दे दिया क्योंकि वो मॉडर्न (Modern) नहीं थी. जानकारी के मुताबिक, महिला ने मॉडर्न बनने, छोटे कपड़े पहनने और शराब पीने से इंकार कर दिया था, इसलिए गुस्से में आकर उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया. हालांकि पति द्वारा तीन तलाक दिए जाने के बाद पीड़िता राज्य महिला आयोग के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंची, जिसके बाद महिला आयोग की तरफ से पीड़िता के पति को नोटिस भेजा गया है.

नूरी फातिमा नाम की पीड़ित महिला का कहना है कि उसकी शादी साल 2015 में इमरान मुस्तफा से हुई थी. शादी के कुछ समय बाद दोनों दिल्ली शिफ्ट हो गए. पीड़िता की मानें तो दिल्ली शिफ्ट होने के कुछ महीने बाद उसका पति उसे दूसरी मॉडर्न लड़कियों की तरह बनने के लिए कहने लगा. महिला का आरोप है कि उसका पति चाहता था कि वो छोटे कपड़े पहने, नाइट पार्टी में जाए, शराब पीए और जब वो ऐसा करने से मना करती तो वो उसके साथ मारपीट करने लगता था.

मॉडर्न न होने के कारण पति ने दिया पत्नी को तीन तलाक-

पीड़ित महिला का यह भी कहना है कि कुछ दिन पहले ही उसके पति ने उसे घर छोड़ने के लिए कह दिया और जब उसने इंकार किया तो उसे तीन तलाक दे दिया. वहीं राज्य महिला आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए महिला के पति को नोटिस जारी किया है. यह भी पढ़ें: हैदराबाद: 20 वर्षीय गर्भवती महिला को उसके पति ने दिया तीन तलाक, करता था ये डिमांड

गौरतलब है कि बीते एक अगस्त को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक बिल पर हस्ताक्षर किए थे और उनकी इस मंजूरी के साथ ही देश में तीन तलाक कानून लागू हो गया. बता दें कि तीन तलाक कानून 19 सितंबर 2019 से लागू हुआ है, जिसके तहत दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ तीन साल की सजा का प्रावधान रखा गया है.

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