पाकिस्तान की इस नापाक हरकत की वजह से भारत ने ठुकराया बातचीत का प्रस्ताव
PM मोदी और इमरान खान (Photo Credits: Twitter)

इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान भारत की ओर से पाकिस्तान के साथ होनेवाली वार्ता को रद्द करने की वजह का खुलसा हो गया है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पुष्टी की है की कश्मीर में स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स (एसपीओ) की हत्याओं में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने आईएसआई का संदेश इंटरसेप्ट किया है. जिसमें कश्मीर में एसपीओ की हत्या करने के लिए आतंकियों को निर्देश दिया जा रहा है. आतंकियों को भेजे गए आदेश में बकायदा अपहरण के बाद हत्या करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही संदेश में मारे जाने वाले तीनों एसपीओ के नाम का भी जिक्र किया गया है. साथ ही साथ एक एसपीओ के भाई को सही सलामत छोड़ने के लिए कहा है.

दरअसल पाकिस्तान भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अमन और शांति बहाली के लिए चलाये जा रहे अभियान से तिलमिलाया हुआ है. इसलिए आईएसआई आतंकी संगठनों के साथ मिलकर घाटी में दहशत का माहौल पैदा करने की फिराक में लगा है. सूत्रों के मुताबिक स्थानीय चुनावों को भी प्रभावित करने की हरसंभव कोशिश करेंगे.

यह भी पढ़े- पाकिस्तानी सेना की गीदड़ भभकी, कहा- ‘हम जंग के लिए तैयार हैं’

गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को खत भेजकर बातचीत की पेशकश की गई थी. यह भी अनुरोध किया गया था कि वार्षिक उच्चस्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक से इतर न्यूयार्क में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों को मिलना चाहिए. इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री मिलेंगे, पर भारत ने पाकिस्तान को बाद में मना कर दिया.

भारत की ओर बातचीत का प्रस्ताव खारिज करने के बाद शनिवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. बौखलाए इमरान खान ने भारत पर जुबानी हमला किया और बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए उनपर निशाना साधा.

इमरान खान ने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर कहा, 'शांति बहाली के लिए शांति वार्ता की शुरुआत की मेरी पहल पर भारत के अहंकारी और नकारात्मक जवाब से बेहद निराश हूं. हालांकि, मैं अपनी पूरी जिंदगी ऐसे छोटे लोगों से मिला हूं जो बड़े दफ्तरों पर ऊंचे ओहदे पर बैठे हैं, लेकिन उनके पास आगे तक देख सकने के लिए दूरदर्शी सोच का अभाव है.'