नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर पर लगातार ‘‘बुरी नजर’’ रखने वाले पाकिस्तान (Pakistan) के पुलवामा (Pulwama) जैसे हमले की योजना बनाने से पहले ही भारत ने आंकवादियों के ठिकाने नष्ट करने के लिए सीमा पार बालाकोट हमलों को अंजाम दिया. सिंह ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों को दिए संदेश में कहा कि सरकार तीन बलों के बीच तालमेल और सहयोग एवं समन्वयता बढ़ाने के लिए ‘‘अथक’’ काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पड़ोसी देश की जम्मू-कश्मीर पर लगातार बुरी नजर है। वह आतंकवादियों को हमारी जमीन पर भेजता है और घाटी में शांति बाधित करता है.’’
सिंह ने कहा, ‘‘पुलवामा में 14 फरवरी को हुए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए. पाकिस्तान पुलवामा जैसे हमले का फिर षड्यंत्र रच सकता, उससे पहले ही हमारे सशस्त्र बलों ने सीमा पार हवाई हमले करके आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करके जवाबी हमला किया. रक्षा मंत्री ने कहा कि नए एवं उभरते विश्व में युद्धक्षेत्र केवल जमीन, वायु और समुद्र तक सीमित नहीं है, यह अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र में भी फैला हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘इसे ध्यान में रख कर हमने इस साल 27 मार्च को 'मिशन शक्ति' के तहत उपग्रह-रोधी मिसाइल परीक्षण का सफल परीक्षण किया.... इसके साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन जैसे चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया जिनके पास यह क्षमता है.’’ यह भी पढ़े: गांधीनगर में बोले राजनाथ सिंह, हवाई कार्रवाई के लिए मोदी की प्रशंसा क्यों न की जाए
सिंह ने दोहराया कि भारत की रक्षा नीति क्षेत्रीय, महाद्वीपीय और वैश्विक स्तर पर शांति एवं स्थिरता कायम रखने की है।उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश की सुरक्षा के मोर्चे पर सशस्त्र बल हैं. ऐसे में, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि सरकार आपका मनोबल ऊंचा रखने और आपकी कार्यात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर आवश्यक काम करेगी।’’सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के योग्य नेतृत्व में सशस्त्र बलों का तेजी से आधुनिकीकरण किया जा रहा है. हम सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं के बीच समन्वय (ज्वाइंटनेस) के लिए अथक काम कर रहे हैं.’’ सैन्य संदर्भ में ‘ज्वाइंटनेस’ शब्द का प्रयोग सेना की विभिन्न शाखाओं के बीच सहयोग एवं समन्वय के लिए किया जाता है.रक्षा मंत्री ने सेना द्वारा तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल ‘नाग’ के ग्रीष्मकालीन परीक्षणों का भी जिक्र किया.